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छगन भुजबल अब शिंदे सरकार में मंत्री नहीं

3 Feb 2024 8:50 PM GMT
छगन भुजबल अब शिंदे सरकार में मंत्री नहीं
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मुंबई। महाराष्ट्र सरकार में अजित पवार गुट के मंत्री छगन भुजबल ने खुलासा किया कि उन्होंने बीते साल नवंबर में ही मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. छगन ने राज्य सरकार पर ओबीसी कोटा में मराठा समुदाय को पीछे वाले दरवाजे से प्रवेश की सुविधा देने का आरोप लगाया है.  अहमदनगर में शनिवार को …

मुंबई। महाराष्ट्र सरकार में अजित पवार गुट के मंत्री छगन भुजबल ने खुलासा किया कि उन्होंने बीते साल नवंबर में ही मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. छगन ने राज्य सरकार पर ओबीसी कोटा में मराठा समुदाय को पीछे वाले दरवाजे से प्रवेश की सुविधा देने का आरोप लगाया है. अहमदनगर में शनिवार को एक रैली को संबोधित करते हुए एनसीपी नेता भुजबल ने कहा, वह मराठों को आरक्षण मिलने के विरोध में नहीं हैं, लेकिन मौजूदा ओबीसी कोटा शेयर करने के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा, "विपक्ष के कई नेता, यहां तक कि मेरी सरकार के नेता भी कहते हैं कि मुझे इस्तीफा दे देना चाहिए. किसी ने कहा कि भुजबल को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाना चाहिए."

छगन भुजबल ने कहा, "मैं विपक्ष, सरकार और अपनी पार्टी के नेताओं को बताना चाहता हूं कि 17 नवंबर को अंबाद में आयोजित ओबीसी एल्गर रैली से पहले मैंने 16 नवंबर को ही कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया और उसके बाद कार्यक्रम में शामिल होने गया."

भुजबल ने आगे कहा कि वह दो महीने से ज्यादा चुप रहे क्योंकि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने उन्हें इस बारे में बोलने से मना किया था. ओबीसी नेता ने कहा, "बर्खास्तगी की कोई जरूरत नहीं है, मैंने अपना इस्तीफा दे दिया है. मैं आखिर तक ओबीसी के लिए लड़ूंगा."

दरअसल मराठा आरक्षण की मांग पूरी करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ओबीसी कोटे में से ही मराठाओं को आरक्षण देना चाहती है. इसको लेकर छगन भुजबल लगातार विरोध कर रहे हैं. जिसके बाद सरकार में शामिल नेताओं ने ही उनके इस्तीफे की मांग की थी. इसी को लेकर छगन भुजबल ने ये बयान दिया है. भुजबल ने सरकार पर मराठा आरक्षण नेता मनोज जारांगे की मांगों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया था. एकनाथ शिंदे के एक विधायक ने कहा था कि समाज में दरार पैदा करने की कोशिश के लिए भुजबल को बर्खास्त किया जाना चाहिए.

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