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दिल्ली के बुराड़ी इलाके में पत्नी की हत्या की साजिश में शामिल असिस्टेंट प्रोफेसर को पुलिस ने भतीजे समेत गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार, असिस्टेंट प्रोफेसर ने दहेज में मिला चेक बाउंस होने की वजह से हत्या की साजिश रची थी। अब तक पुलिस इस मामले में कुल तीन लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
पुलिस के अनुसार संत नगर में वीरेंद्र अपनी पत्नी पिंकी और बुजुर्ग माता पिता के साथ रहते थे। रामजस कालेज में संस्कृत के असिस्टेंट प्रोफेसर वीरेंद्र की इसी साल फरवरी में गाजियाबाद निवासी पिंकी से शादी हुईथी। वीरेंद्र के दूर के भाई राकेश ने सोमवार देर शाम को पिंकी की संत नगर स्थित घर में हत्या कर दी थी और खुद ही पुलिस के पास जाकर जुर्म स्वीकार कर लिया था। अभी तक पुलिस राकेश को ही मुख्य आरोपी मान कर चल रही थी।
टेक्निकल सर्विलांस से खुला राज
जांच में शामिल पुलिस अधिकारी ने बताया कि राकेश के आत्मसमर्पण करने पर वीरेंद्र को अस्पताल से बुलाया गया। पुलिस ने घटना की जानकारी नहीं दी थी और वह भी इस तरह व्यवहार कर रहा था कि उसे कुछ मालूम नहीं है। पुलिस ने वीरेंद्र और राकेश के कॉल डिटेल्स और मोबाइल की लोकेशन की जांच की। घटना से पहले और बाद में दोनों की बात हुई थी। करीब तीन सौ सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाली गई। इसके बाद वीरेंद्र की संलिप्तता का सुराग लगा। जब पुलिस ने सबूतों को सामने रखकर पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया और अपने भतीजे गोविंद को भी इसमें शामिल बताया।
डीसीपी सागर सिंह कलसी ने बताया कि वीरेंद्र करीब 15 दिन से हत्या की साजिश रच रहा था। आरोपी ने बताया कि उसे तिलक में पांच लाख रुपये का चेक दिया गया था जो बाउंस हो गया। फिर उसे मालूम हुआ कि पिंकी की यह दूसरी शादी है जिसके बाद उसे ठगे जाने का अहसास हुआ। वहीं अगस्त में पिंकी ने राकेश को भी घर से निकाल दिया। उसने राकेश के सामने अपना दुखड़ा रोया और पिंकी को रास्ते से हटाने के लिए कहा। पुलिस से पूछताछ में राकेश ने बताया कि वीरेंद्र ने उसकी पत्नी और दोनों बच्चों के पालन पोषण की जिम्मेदारी ली थी। इसलिए वह हत्या करने के लिए तैयार हो गया। वीरेंद्र और गोविंद के साथ मिलकर उसने हत्या की योजना तैयार की। हत्या का दिन और समय राकेश ने तय किया। जब वीरेंद्र अपनी मां को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए निकला तो उसने इसकी सूचना फोन कर राकेश को दे दी। फिर हत्या करने के बाद राकेश ने तुरंत इसकी सूचना वीरेंद्र को दी।
बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल कर रही पुलिस
इस घटना से ठीक पहले वीरेंद्र की मां मुखर्जी नगर स्थित अस्पताल में भर्ती हो गईं थी। घटना की जानकारी होने पर आरोपी शिक्षक के पिता की भी तबीयत खखाब हो गई जिसे पुलिस ने स्वरूप नगर स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया है। बेटे के जेल जाने के बाद बुजुर्ग माता पिता का कोई सहारा नहीं रह गया है। फिलहाल एसएचओ राजेंद्र कुमार ने दोनों बुजुर्गों की देखरेख की जिम्मेदारी एसआई दीपक कुमार को सौंपी है।
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