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चरणजीत सिंह चन्नी ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ, पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा बदलाव

jantaserishta.com
20 Sep 2021 5:50 AM GMT
चरणजीत सिंह चन्नी ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ, पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा बदलाव
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चंडीगढ़/नई दिल्ली; पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा बदलाव हुआ है. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और तमाम रस्साकशी के बीच कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया और चरणजीत सिंह चन्नी ने राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है.






आइए जानते हैं कौन हैं चरणजीत सिंह चन्‍नी
चरणजीत सिंह चन्नी भारत के पंजाब राज्य की चमकौर साहिब सीट से कांग्रेस के विधायक हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने आम आदमी पार्टी के चरनजीत सिंह को करीब 12000 वोटों के अंतर से हराया था. इससे पहले 2012 के चुनावों में उन्होंने करीब 3600 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी. चरणजीत सिंह चन्नी युवा कांग्रेस से भी जुड़े रहे हैं और इस दौरान वे राहुल गांधी के करीब आए थे.
चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब कांग्रेस में दलित नेताओं में से एक हैं. उन्हें गांधी परिवार का बेहद करीबी माना जाता है. जानकारी के लिए बता दें कि भारत में सबसे अधिक दलित सिख पंजाब में हैं. इनकी संख्या लगभग 32% है. राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, दलित सिख चेहरा होना उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने के पक्ष में रहा है.
2 अप्रैल 1972 को चमकौर साहिब के पास मकरोना कलां गांव में जन्मे चरणजीत ने प्राथमिक शिक्षा सरकारी प्राथमिक स्कूल से प्राप्त की. उनके पिता का नाम एस. हरसा सिंह और माता अजमेर कौर है. उनके पिता ने अपने परिवार को आर्थिक सुरक्षा दिलाने के लिए बहुत संघर्ष किया, जिसके लिए वे मलेशिया भी चले गए। उन्होंने कड़ी मेहनत की और अंततः अपने उपक्रमों में सफल हुए. मलेशिया से लौटने के बाद चन्नी के पिता ने खरड़ शहर में एक टेंट हाउस का व्यवसाय शुरू किया और वहीं बस गए.
कॉलेज समय में चन्नी अपने पिता के टेंट हाउस में उनकी मदद करते थे. इसके बाद जब स्नातक किया तो इन्होंने एक पेट्रोल पंप घनौली में खोला. खरड़ नगर परिषद ने चन्नी ने पार्षद का चुनाव लड़कर अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की थी और बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी. तत्कालीन मंत्री हरनेक सिंह घंडूआ ने किसी अन्य को नगर परिषद प्रधान बन दिया लेकिन पांच साल बाद चन्नी प्रधान बने. वह दो बार नगर परिषद के अध्यक्ष रहे. इसके बाद चन्नी ने चमकौर साहिब विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का मन बनाया और कांग्रेस से टिकट की दावेदारी की लेकिन तब उन्हें टिकट नहीं मिली.
निर्दलीय चरणजीत सिंह चन्नी ने चमकौर साहिब सीट से विधासनभा चुनाव जीत दर्जकर अपने आपको साबित किया. इसके बाद अकाली दल में शामिल हुए फिर पार्टी को अलविदा कहकर कांग्रेसी हो गए. वह इस सीट से तीन बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं.

पंजाब कांग्रेस का बवाल जारी

इस बीच कांग्रेस (Congress) के पंजाब प्रभारी हरीश रावत के बयान पर बवाल मच गया है. हरीश रावत ने नवजोत सिंह सिद्धू की अगुवाई में चुनाव लड़ने की बात कही थी, जिसपर कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ ने कहा है कि ऐसे बयान से मुख्यमंत्री की ताकत कमजोर होती है.
कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) ने ट्वीट कर हरीश रावत के बयान पर आपत्ति जताई. सुनील जाखड़ ने लिखा कि चरणजीत सिंह चन्नी के शपथ वाले दिन हरीश रावत द्वारा दिया गया बयान हैरान करने वाला है. ये मुख्यमंत्री की ताकत को कमजोर करता है और साथ ही ये किसी के चयन पर सवाल खड़ा करता है.
आपको बता दें कि सुनील झाखड़ ने हरीश रावत के जिस बयान पर आपत्ति जताई है, वो उन्होंने सोमवार को ही दिया था. इस बयान पर मचे बवाल के बीच सुनील जाखड़ के भतीजे अजयवीर जाखड़ ने पंजाब किसान आयोग के पद से इस्तीफा दे दिया है.
कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने कहा था कि चरणजीत सिंह चन्नी को लेकर पार्टी ने पहले से ही मन बनाया हुआ था. आने वाले चुनाव में कांग्रेस का चेहरा कौन होगा, ये कांग्रेस अध्यक्ष तय करेंगी. अगर मौजूदा हालात को देखें तो इस बार चुनाव पंजाब सरकार की कैबिनेट और प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की अगुवाई में लड़ा जाएगा.
दरअसल, बीते दिन तक मुख्यमंत्री बनने की रेस में सुनील जाखड़ का नाम भी चल रहा था और माना जा रहा था कि हिन्दू चेहरा होने के नाते पार्टी उन्हें कमान दे सकती है. लेकिन एन वक्त पर चरणजीत सिंह चन्नी का नाम सामने आया.
सुनील जाखड़ के ट्वीट को लेकर पंजाब कांग्रेस में बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. कांग्रेस नेता हरमिंदर सिंह गिल का कहना है कि चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाना केंद्रीय आलाकमान का फैसला है, ऐसे में उन्होंने (सुनील जाखड़) ने जो कहा, उसपर वही सफाई देंगे.


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