शिमला। ट्रक हड़ताल के कारण आए पेट्रोल-डीजल के संकट की स्थिति की समीक्षा खुद मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने शिमला में हुई बैठक में की है। मंगलवार को लगातार दूसरे दिन उन्होंने सिविल सप्लाई, पुलिस और परिवहन निगम के अधिकारियों के साथ बैठक कर ताजा रिपोर्ट ली। मुख्य सचिव ने बताया कि मंगलवार शाम 6:00 बजे …
शिमला। ट्रक हड़ताल के कारण आए पेट्रोल-डीजल के संकट की स्थिति की समीक्षा खुद मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने शिमला में हुई बैठक में की है। मंगलवार को लगातार दूसरे दिन उन्होंने सिविल सप्लाई, पुलिस और परिवहन निगम के अधिकारियों के साथ बैठक कर ताजा रिपोर्ट ली। मुख्य सचिव ने बताया कि मंगलवार शाम 6:00 बजे तक नालागढ़ और ऊना डिपो से करीब 165 टैंकर रवाना हो गए हैं, जो अलग-अलग जिलों में जाकर सप्लाई को सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने बताया कि बुधवार दोपहर तक स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है। कहीं से भी स्थिति नियंत्रण से बाहर होने की सूचना नहीं है। बैठक में बताया गया कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के डिस्पैच टर्मिनल पेखूवेला ऊना से 30 दिसंबर को यह समस्या शुरू हुई, जो नालागढ़ में स्थित टर्मिनल तक पहुंच गई।
ट्रांसपोर्ट यूनियन द्वारा चलाए जा रहे टैंकर सर्विस से हट गए, जिससे प्रदेश भर में पेट्रोल और डीजल की किल्लत देखने को मिल रही है। राज्य सरकार ने सोलन और ऊना के उपायुक्तों को मामले की निगरानी करने को कहा है और जब तक हालात नहीं सुधरते, तेल टैंकर पुलिस की एस्कॉर्ट के साथ ही रवाना करने को कहा गया है। पहली जनवरी की रात को ही नालागढ़ से 43 टैंकर बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन को भेजे गए। दो जनवरी को भी शाम 5:00 बजे तक ऊना और नालागढ़ से 165 टैंकर निकल चुके हैं। फूड एंड सिविल सप्लाई डिपार्टमेंट के निदेशक आरके गौतम ने बताया कि मंगलवार रात से सप्लाई चेन ठीक हो जाएगी। इसीलिए पेट्रोल पंप के लिए 2000 लीटर का एमर्जेंसी डेड स्टॉक रखने की लिमिट को भी सरकार ने घटकर 1000 लीटर कर दिया है। इससे भी पेट्रोल और डीजल की उपलब्धता बढ़ेगी।