चंद्रयान 3 के लिए शनिवार का दिन अहम है। इसरो के वैज्ञानिक स्पेसक्राफ्ट को शाम करीब शाम 7 बजे चंद्रमा की कक्षा में पहुंचाएंगे। अगस्त के पहले सप्ताह तक, चंद्रयान-3 चंद्रमा के चारों ओर 5-6 चक्कर पूरे कर लेगा और सबसे आंतरिक घेरे के करीब पहुंच जाएगा। अगले 10 दिनों में यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में सटीक लैंडिंग स्थान निर्धारित करेगा, जैसा कि केंद्रीय अंतरिक्ष मंत्री जितेंद्र सिंह ने घोषणा की थी। चंद्रयान-3 की 23 अगस्त को शाम 5:47 बजे IST पर चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास करने की योजना है। हालाँकि, चंद्रमा के सूर्योदय के कारण समय में बदलाव हो सकता है। यदि आवश्यक हुआ, तो इसरो सितंबर के लिए लैंडिंग को पुनर्निर्धारित किया जा सकता है।
केंद्रीय अंतरिक्ष मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में ताया कि अंतरिक्ष अनुसंधान में संपूर्ण क्षमताओं वाले अंतरिक्ष यात्रा करने वाले देशों में भारत 5वें स्थान पर है। जितेंद्र सिंह ने बताया कि सफल पैड एबॉर्ट के अलावा (जुलाई 2018 - जुलाई 2023) के दौरान 27 उपग्रह और 22 लॉन्च वाहन मिशन सफलतापूर्वक पूरे किए गए हैं। इसरो का LVM3-M4/चंद्रयान-3 मिशन एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि मैं सभी को बताना चाहता हूं कि यह मेरे लिए अब तक एक अद्भुत यात्रा रही है और अब मैं आज (5 अगस्त, 2023) लगभग 19:00 बजे IST चंद्र कक्षा में प्रवेश करने जा रहा हूं। यह जानने के लिए कि मैं कहां हूं और क्या कर रहा हूं, हमारे साथ बने रहें!
इसरो के चंद्रयान मिशन में आगे क्या क्या
शनिवार शाम को चंद्रयान-3 को चांद की बाहरी कक्षा में इंजेक्ट किया जाएगा। फिर ये चंद्रमा के चक्कर लगाना शुरू करेगा। अगले करीब 18 दिन तक चंद्रयान 3 उसी तरह धीरे-धीरे चंद्रमा की ओर बढ़ेगा, जैसे-जैसे ये पृथ्वी से दूर गया था। 23 अगस्त 2023 की शाम को चंद्रयान 3 के चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है। ये सबसे बड़ी चुनौती है। फिर चंद्रयान 3 का असली मिशन शुरू होगा। इसरा रोवर चंद्रमा की सतह के सैंपल लेगा। अन्य कई परीक्षण भी करेगा। चंद्रयान 3 वहां से सारा डेटा और तस्वीरें इसरो के वैज्ञानिकों को भेजेगा। इस डेटा का एनालिसिस कर चांद के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाने की कोशिश होगी।