चेन्नई,- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मंगलवार को कहा कि देश का तीसरा चंद्र मिशन चंद्रयान-3 निर्धारित समय पर है और उसने तीसरी कक्षा में आगे बढ़ने की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया है।
योजना के अनुसार अंतरिक्ष यान ने 51400 किमी गुणा 228 किमी कक्षा प्राप्त की है। चंद्रयान-3 को शुक्रवार को श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था।
इसरो ने कहा कि योजना के अनुसार अंतरिक्ष यान ने 51400 किमी गुणा 228 किमी कक्षा प्राप्त की है और अगली कक्षा में 20 जुलाई को दोपहर दो बजे से तीन बजे के बीच करने की योजना है। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष यान की स्थिति सामान्य है।
इसरो ने एक ट्वीट में कहा कि चंद्रयान-3 मिशन निर्धारित समय पर है और कक्षा को ऊपर उठाने का तीसरा अभियान आईएसटीआरएसी/इसरो, बेंगलुरु से सफलतापूर्वक किया गया। इसरो ने एक अगस्त को चंद्रयान-3 को ट्रांस लूनर पर भेजने की योजना बनाई है।
चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान को इसरो के सबसे भारी लॉन्च वाहन एलवीएम3-एम4 द्वारा सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया और लगभग 16 मिनट की उड़ान के बाद, इसे 36,500 किमी गुणा 170 किमी की दीर्घवृत्तीय पार्किंग कक्षा में सटीक रूप से स्थापित किया गया।
इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने श्रीहरिकोटा में प्रक्षेपण के बाद कहा था कि इसरो की योजना 23 अगस्त को शाम 5.47 बजे चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान को तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण सॉफ्ट लैंडिंग करने की है।
चंद्रमा की सतह पर एक पूर्ण सॉफ्ट लैंडिंग कर भारत यह उपलब्धि प्राप्त करने वाला चौथा देश बन जाएगा।
केवल अमेरिका, तत्कालीन सोवियत संघ और चीन ने अब तक यह उपलब्धि हासिल की है। भारत ने जुलाई 2019 में चंद्रयान-2 को लॉन्च करने की पहली कोशिश की थी लेकिन लैंडर क्रैश होने के कारण यह मिशन लगभग 99.99 प्रतिशत ही सफल रहा था।
इससे इसरो के भविष्य के अंतरग्रहीय मिशनों के लिए सहायक बनने की उम्मीद है। इसरो ने कहा कि चंद्रयान-3 चंद्रयान-2 का अनुवर्ती मिशन है जो चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग और रोविंग में एंड-टू-एंड क्षमता का प्रदर्शन करेगा।