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भारत का चंद्रयान-3 फिलहाल नींद के आगोश में है। उसका लैंडर 'विक्रम' और रोवर 'प्रज्ञान' अब स्लीप मोड में हैं।
नई दिल्ली: 5 सितंबर 2023 को चांद के उस हिस्से में रात हो गई थी, जहां पर Chandrayaan-3 का विक्रम लैंडर है. अब अंधेरे में चंद्रयान-3 का लैंडर कैसा दिखता है. यह पता करने के लिए उसके ऊपर से चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर को गुजारा गया. ऑर्बिटर में लगे खास कैमरे ने रात के अंधेरे में चंद्रयान-3 के लैंडर की तस्वीर ली.
6 सितंबर 2023 को ली गई तस्वीर में चांद की सतह नीले, हरे और गहरे काले रंग की दिख रही है. इसी के बीच में एक पीले गोले में दिख रहा है, पीली रोशनी के साथ दिख रहा है हमारा विक्रम लैंडर. यहां तीन तस्वीरें हैं. बाएं तरफ पहली वर्टिकल फोटो में बड़े इलाके में पीले चौकोर डिब्बे में वह इलाका दिखाया गया है, जहां पर लैंडर उतरा था.
दाहिने ऊपर जो फोटो है, वह 6 सितंबर की फोटो है, जिसमें गोल पीले घेरे में चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर पीले रंग की रोशनी में दिख रहा है. नीचे 2 जून 2023 की फोटो है, जब लैंडर वहां उतरा नहीं था. असल में यह तस्वीर चंद्रयान-3 के ऑर्बिटर में लगे ड्युल-फ्रिक्वेंसी सिंथेटिक अपर्चर राडार (DFSAR) ने ली है.
DFSAR एक खास यंत्र है, जो रात के अंधेरे में हाई रेजोल्यूशन पोलैरीमेट्रिक मोड में तस्वीर लेता है. यानी अंधेरे में धातुओं से निकलने वाली हीट और रोशनी को यह पकड़ लेता है. चाहे वह प्राकृतिक तौर पर मौजूद धातु हो या इंसानों द्वारा धातुओं से निर्मित कोई वस्तु.
Chandrayaan-2 के ऑर्बिटर ने 25 अगस्त 2023 को भी चंद्रयान-3 की तस्वीर ली थी. यह दो तस्वीरों का कॉम्बीनेशन थी. जिसमें बाईं तरफ वाली फोटो में जगह खाली है. दाहिनी फोटो में लैंडर चांद की सतह पर दिख रहा है. इस तस्वीर में लैंडर को जूम करके इनसेट में दिखाया गया था. चंद्रयान-2 में ऑर्बिटर हाई रेजोल्यूशन कैमरा (OHRC) लगा है.
दोनों ही तस्वीरें लैंडिंग वाले दिन ली गई थीं. बाएं तरफ की पहली तस्वीर 23 अगस्त की दोपहर दो बजकर 28 मिनट पर ली गई थी, जिसमें चांद की सतह पर कोई लैंडर नहीं दिख रहा है. दूसरी तस्वीर 23 अगस्त की रात दस बजकर 17 मिनट पर ली गई थी. जिसमें विक्रम लैंडर चांद की सतह पर उतरा हुआ दिख रहा है.
Chandrayaan-3 Mission:Here is an image of the Chandrayaan-3 Lander taken by the Dual-frequency Synthetic Aperture Radar (DFSAR) instrument onboard the Chandrayaan-2 Orbiter on September 6, 2023.More about the instrument: https://t.co/TrQU5V6NOq pic.twitter.com/ofMjCYQeso
— ISRO (@isro) September 9, 2023
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