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चंद्रयान-3 मिशन: ISRO ने किया गजब का ट्वीट, दुनिया को भेजा संदेश

jantaserishta.com
9 Aug 2023 7:04 AM GMT
चंद्रयान-3 मिशन: ISRO ने किया गजब का ट्वीट, दुनिया को भेजा संदेश
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नई दिल्ली: 'आ गया हूं चांद के ऑर्बिट में, फोटो भेजूं क्या?'... ये पूछा है Chandrayaan-3 ने. चंद्रयान ने ये सवाल एक ट्वीट करके पूछा है। ट्वीट को अब तक 1600 से ज्यादा बार रीट्वीट किया गया है। 10 हजार से ज्यादा लाइक्स हैं। 86 बार कोट किया गया है। 37 बार बुकमार्क किया गया है। इसके अलावा इसे 1.68 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है।
ट्वीट में लिखा है Hey earthlings! I'm in the lunar orbit. @isro, could you please allow me to post some pictures? So that I can make them feel jealous!
यानी... हे पृथ्वीवासियों! मैं चंद्रमा की कक्षा में हूं. @isro, क्या आप कृपया मुझे कुछ तस्वीरें पोस्ट करने की अनुमति दे सकते हैं? ताकि मैं उन्हें जलन महसूस करा सकूं!
Chandrayaan-3 और Russia Luna 25 Mission में कॉम्पीटिशन
भारत के चंद्रयान-3 (chadrayaan-3) के बाद अब रूस ने भी मून मिशन के लिए कमर कस दी है। रूस 47 साल के बाद चंद्रमा मिशन के लिए अपना अंतरिक्ष यान धरती से भेजने की तैयारी पूरी कर चुका है। 11 अगस्त को रूस के Luna 25 Mission की लॉन्चिंग है। रूस का मून मिशन चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के 4 सप्ताह बाद सामने आया है। जानकार मानते हैं रूस का लूना मिशन 25 भले ही चंद्रयान-3 के काफी दिनों बाद भेज रहा है लेकिन, इसके चांद पर भारतीय यान से पहले पहुंचने की संभावना है।
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने चंद्रयान-3 को बीते 5 अगस्त के दिन चांद की कक्षा पर सफलतापूर्वक पहुंचा दिया है। अब यह धीरे-धीरे चांद के आर्बिटों को पार करते हुए 23 अगस्त को चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। उधर, रूसी यान लूना 25 मिशन की 11 अगस्त को लॉन्चिंग है।
रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस का दावा है कि यह मिशन महज पांच दिन में पूरा हो जाएगा। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस का लूना 25 मिशन चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास तीन संभावित लैंडिंग स्थलों में से एक पर उतरने से पहले चंद्र कक्षा में लगभग पांच से सात दिन बिताएगा। रूसी यान की यह टाइमलाइन बताती है कि उसका मिशन भारतीय चंद्रयान-3 से पहले या लगभग उसी समय चंद्रमा की सतह पर पहुंच सकता है।
रोस्कोस्मोस ने इसरो को आश्वासन दिया कि दोनों मिशन एक-दूसरे के साथ हस्तक्षेप नहीं करेंगे, क्योंकि उन्होंने अलग-अलग लैंडिंग क्षेत्रों की योजना बनाई है। रूसी अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, ''ऐसा कोई खतरा नहीं है कि वे एक-दूसरे के साथ हस्तक्षेप करें या टकराएं। चंद्रमा पर सभी के लिए पर्याप्त जगह है।”
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