यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) के कोरोउ स्पेस स्टेशन से Chandrayaan-3 के लैंडर Vikram को लगातार संदेश भेजा जा रहा है. लेकिन लैंडर की तरफ से जो रेसपॉन्स आ रहा है, वो बेहद कमजोर है. यानी उसके पास से जिस तरह की ताकतवर रेडियो फ्रिक्वेंसी निकलनी चाहिए, वो निकल नहीं रही है. यह दावा किया है एमेच्योर एस्ट्रोनॉमर स्कॉट टाइली ने.
स्कॉट ने लिखा अपने एक ट्वीट में लिखा है कि बुरी खबर, चंद्रयान-3 के चैनल पर 2268 मेगाहर्ट्ज का उत्सर्जन हो रहा है. यह एक कमजोर बैंड है. यानी चंद्रयान-3 के लैंडर से अभी तक किसी तरह का मजबूत सिग्नल नहीं मिला है. स्कॉट ने कई ट्वीट्स किए हैं. जो पिछले हर चार घंटे से हर दस मिनट पर आ रहे हैं.
इससे पहले स्कॉट ने ट्वीट किया कि कोरोउ संपर्क में आ गया है. अपनी सही फ्रिक्वेंस पर संदेश भेज रहा है. 40 मिनट पहले ये लिखा कि ESA ग्राउंड स्टेशन ने जो मैसेज भेजा, उसके बदले में उन्हें चांद के रिफ्लेक्शन की वजह से कुछ संदेश आता दिखा. स्कॉट को इस बात पर संदेह है कि चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर ऑफ-फ्रिक्वेंसी है.
वह लगातार ऑन-ऑफ सिग्नल भेज रहा है. चांद से आ रहे सिग्नल कभी स्थिर हैं. कभी उछल रहे हैं. कभी एकदम गिर जा रहे हैं. जबकि कोरोउ से भेजा गया सिग्नल स्थिर है. विक्रम लैंडर का ट्रांसपोंडर RX फ्रिक्वेंसी का है. उसे 240/221 की दर की फ्रिक्वेंसी पर काम करना चाहिए. लेकिन वह 2268 मेगाहर्ट्ज का सिग्नल दे रहा है. जो स्थिर नहीं है.
फिलहाल यूरोपियन स्पेस एजेंसी और इसरो दोनों ने ही इस बात की पुष्टि नहीं की है कि चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर जाग गए हैं या नहीं. माना जा रहा है कि दोपहर तक ISRO इस बात की पुष्टि करेगा. विक्रम लैंडर शिव शक्ति प्वाइंट पर जहां है, वहां सूरज की रोशनी पहुंच चुकी है.
Kouruo is back. Still emitting on the same relative frequency.
— Scott Tilley 🇺🇦 (@coastal8049) September 22, 2023
Tune you guys tune! pic.twitter.com/Ig6nW9fE4y