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नई दिल्ली: 14 जुलाई 2023 को GSLV-Mk3 रॉकेट से चंद्रयान-3 ने उड़ान भरी. जब चंद्रयान-3 अंतरिक्ष में पहुंचा तब उसके लैंडर पर लगे लैंडर इमेजर (एलआई) कैमरे (Lander Imager - LI) ने धरती की तस्वीर ली. नीली धरती के ऊपर सफेद बादलों की चादर बिछी हुई दिख रही थी. कल ही चंद्रयान-3 ने पूछा था कि क्या और फोटो भेजूं?
इसके बाद 5 अगस्त को जब चंद्रयान-3 चंद्रमा की कक्षा में गया तब उसके लैंडर के ही दूसरे कैमरे यानी लैंडर होरिजोंटल वेलोसिटी कैमरा (Lander Horizontal Velocity Camera- LHVC) ने चांद के सतह की तस्वीर ली. इसमें LI कैमरे को गुजरात में मौजूद स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (SAC) ने बनाया है.
LHVC को बेंगलुरु के लेबोरेट्री फॉर इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स सिस्टम्स (LEOS) ने बनाया है. LHVC असल में लैंडर के निचले हिस्से में लगा है. वह जमीन की हिस्से की तस्वीर लेता है. वह भी गति में. ताकि लैंडर के उतरने और हेलिकॉप्टर की तरह हवा में तैरते रहने की गति पता चल सके. साथ ही खतरों का अंदाजा हो सके.
Chandrayaan-3 Mission:🌎 viewed by Lander Imager (LI) Camera on the day of the launch&🌖 imaged by Lander Horizontal Velocity Camera (LHVC)a day after the Lunar Orbit Insertion LI & LHV cameras are developed by SAC & LEOS, respectively https://t.co/tKlKjieQJS… pic.twitter.com/6QISmdsdRS
— ISRO (@isro) August 10, 2023
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