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धीरे-धीरे अपने टारगेट के करीब पहुंच रहा चंद्रयान 3, जानें लेटेस्ट अपडेट
jantaserishta.com
19 Aug 2023 2:37 AM GMT
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फाइल फोटो
नई दिल्ली: चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर अब चांद की सतह से मात्र 113 किलोमीटर दूर रह गया है। इसरो ने शुक्रवार को पहली डीबूस्टिंग प्रक्रिया के जरिए विक्रम लैंडर की कक्षा घटाई है। डीबूस्टिंग प्रकिया का मतलब किसी भी यान की रफ्तार को कम करना होता है। इसरो ने इसके लिए एक खास तकनीक अपनाई है।
चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर चंद्रमा की 113 गुना 157 किलोमीटर वाली कक्षा में पहुंच गया है। यानी अब इसकी चांद से अधिकतम दूरी 157 किलोमीटर और न्यूनतम दूरी 113 किलोमीटर रह गई है। इसरो के मुताबिक 20 अगस्त को रात 2 बजे दोबारा इसकी रफ्तार कम की जाएगी । इसके बाद विक्रम लैंडर की चंद्रमा से न्यूनतम दूरी 30 किमी और अधिकतम दूरी 100 किलोमीटर रह जाएगी। इस सबसे कम दूरी से ही 23 अगस्त को शाम 5 बजकर 47 मिनट पर चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास किया जाएगा।
चंद्रयान-3 अब ऐसी जगह पर पहुंच गया जहां करीब तीन साल पहले चंद्रयान-2 की असफलता के साथ भारत की चांद की पर उतरने पहली कोशिश नाकाम हुई थी। ऐसे में अब इस प्रकिया पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। चांद की सतह पर उतरने से पहले लैंडर की रफ्तार को 800 न्यूटन शक्ति के थ्रस्टर को जरिये कम किया जा रहा है। यह थ्रस्टर रॉकेट या फाइटर जेट के पीछे लगने वाले इंजन होते हैं। इसे विक्रम लैंडर के चारों कोनों में लगाया गया है। इन्हे दो चरणों में इस्तेमाल किया जाएगा। पहली डीबूस्टिंग प्रक्रिया के दौरान दो इंजन सक्रिय हुए। अब अगली प्रकिया के दौरान बाकी के दो इंजन लैंडर की रफ्तार को 1680 मीटर प्रति सेकेंड से 2 मीटर प्रति सेकेंड के आसपास पहुंचाएंगे। इस प्रकिया के बाद लैंडर 12 डिग्री झुकाव के साथ चांद की सतह उतर सकता है।
विक्रम लैंडर ने अपने लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरा (एलपीडीसी) से चांद की सतह का एक वीडियो भी रिकॉर्ड किया है। इसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट के जरिये इसे साझा किया है। इसमें चांद की सतह पर बड़े-बड़े गड्ढे नजर आ रहे है। इन्हीं से बचाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाएगा।
दरअसल, एलपीडीसी कैमरा विक्रम लैंडर के निचले हिस्से में लगा हुआ है। इसे लैंडिंग के कुछ समय पहले चालू किया जाएगा। फिलहाल इसे ट्रॉयल के तौर पर शुरू किया गया था। इसके साथ ही लैंडर हजार्ड डिटेक्शन एंड अवॉयडेंस कैमरा , लेजर अल्टीमीटर, लेजर डॉपलर वेलोसिटीमीटर और लैंडर हॉरीजोंटल वेलोसिटी कैमरा मिलकर विक्रम को चांद की सतह पर सुरक्षित सॉफ्ट लैंड कराएंगे।
Chandrayaan-3 Mission: View from the Lander Imager (LI) Camera-1 on August 17, 2023 just after the separation of the Lander Module from the Propulsion Module #Chandrayaan_3 #Ch3 pic.twitter.com/abPIyEn1Ad
— ISRO (@isro) August 18, 2023
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