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जीतनराम मांझी ने किया ट्वीट
New Delhi. नई दिल्ली। चंपाई दा आप टाईगर थें, टाईगर हैं और टाईगर ही रहेंगें। NDA परिवार में आपका स्वागत है। जोहार टाईगर…
चंपाई दा आप टाईगर थें,टाईगर हैं और टाईगर ही रहेंगें।NDA परिवार में आपका स्वागत है।जोहार टाईगर…@ChampaiSoren
— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) August 18, 2024
झारखंड मुक्ति मोर्चा के दिग्गज नेता और कोल्हान के टाइगर कहे जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने अपने शब्दों के तीर से झामुमो में खलबली मचा दी है. भाजपा में शामिल होने के कयासों के बीच उन्होंने सोशल मीडिया पर जिस तरह से अपने दिल की बात रखी है, उसपर झामुमो नेताओं का जवाब देना मुश्किल हो रहा है. सवाल उठ रहे हैं कि आखिर मुख्यमंत्री रहते चंपाई सोरेन को किसके कहने पर अपमानित किया गया. किसके आदेश पर एक मुख्यमंत्री के कार्यक्रम रद्द किए गए.
चंपाई सोरेन ने लिखा है कि 3 जुलाई को विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी. उसी दिन पीजीटी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने का शेड्यूल भी तय था. लेकिन उन्हें कह दिया गया कि सीएम रहते आप किसी कार्यक्रम में नहीं जा सकते. बकौल चंपई सोरेन, अपमान का घूंट पीने के बावजूद उन्होंने आग्रह किया कि नियुक्ति पत्र वितरण का कार्यक्रम सुबह में है जबकि विधायक दल की बैठक दोपहर में है. इसलिए उस कार्यक्रम को पूरा करने के बाद बैठक में शामिल हो जाएंगे. लेकिन उधर से साफ इनकार कर दिया गया. अब सवाल है कि उधर कहकर चंपाई सोरेन ने किसकी तरफ इशारा किया है. आखिर चंपाई सोरेन ने किसके लिए लिखा है कि "अपनों द्वारा दिए गए दर्द को कहां जाहिर करता है.
चंपई सोरेन ने लिखा है कि 3 जुलाई को विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी. जबकि विधायक दल की बैठक बुलाने का अधिकार मुख्यमंत्री के पास होता है. उसी दिन उनसे इस्तीफा भी मांग लिया गया. अब सवाल है कि इस्तीफा लेने की इतनी हड़बड़ी क्यों थी और यह फैसला किसने लिया. बैठक का एजेंडा बताए बगैर अचानक उनसे इस्तीफा किसने मांगा. चंपाई सोरेन ने किसके बारे में लिखा है कि तीन दिनों तक अपमान के बाद मैं अपने आंसुओं को संभाल रहा था, लेकिन उन्हें सिर्फ कुर्सी से मतलब था. इस वाक्य को लिखकर चंपाई सोरेन ने बिना नाम लिए स्पष्ट कर दिया है कि उनको किसके कहने पर अपमानित किया जा रहा था. खास बात है कि चंपाई सोरेन के एक्स पर पोस्ट करने के बाद उनसे भी कई तरह के सवाल पूछे जा रहे हैं. उनकी तुलना बिहार के जीतन राम मांझी से की जा रही है. उन्हें भस्मासुर भी कहा जा रहा है. कुछ लोग सवाल पूछ रहे हैं कि भाजपा कब ज्वाइन करेंगे.
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