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नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने कहा है कि जबरन धर्म स्वतंत्रता के अधिकार में निश्चित रूप से किसी व्यक्ति को धोखाधड़ी धोखे से जबरदस्ती प्रलोभन या इसतरह के अन्य माध्यमों से परिवर्तित करने का अधिकार शामिल नहीं है।
केंद्र ने जबरन धर्ममतांतरण से जुड़ी याचिकाओं पर जवाब दाखिल कर ये जवाब दिया है। केंद्र ने कहा है कि सरकार मुद्दे की गंभीरता से अवगत है। केंद्र ने जवाब में कहा है कि धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार में दूसरे लोगों को मतांतरणरित करने का अधिकार शामिल नहीं है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भारत के अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि इस अदालत द्वारा निर्धारित सभी तरह के कानून का पालन किया जाए। केंद्र का कहना है कि ओडिशा मध्यप्रदेश गुजरात छत्तीसगढ़ झारखंड उत्तराखंड उत्तरप्रदेश कर्नाटक और हरियाणा इसतरह के राज्य हैं जहां पहले से ही धर्मांतरण पर कानून है।
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