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सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट: दिल्ली HC के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका, निर्माण कार्यों पर रोक की मांग
Deepa Sahu
2 Jun 2021 9:40 AM GMT
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सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है.
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. इससे पहले सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य को जारी रखने की अनुमति देते हुए कहा था कि यह एक "अहम और आवश्यक" राष्ट्रीय परियोजना है. कोर्ट ने याचिका को "किसी मकसद से प्रेरित" बताते हुए याचिकाकर्ताओं पर 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था.
अब वकील प्रदीप कुमार ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए अपनी याचिका में सवाल उठाया है कि जब पूरा देश कोरोना महामारी से प्रभावित है, छोटी दुकानें भी बंद हैं, सभी चीजें रुकी हुई है, तो ऐसे समय में 500 मजदूरों को कंस्ट्रक्शन साइट पर जाने की इजाजत कैसे दी जा सकती है. याचिका में कहा गया है, "यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में भी फिजिकल सुनवाई नहीं हो रही है. ऐसे में सेंट्रल विस्टा का निर्माण क्यों नहीं रोका जा सकता है, जब तक सामान्य जीवनयापन शुरू नहीं हो जाता."
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस डी एन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की बेंच ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस प्रोजेक्ट को पहले ही वैध ठहरा चुका है. बेंच ने कहा कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) ने भी इसे जारी रखने की अनुमति दी है, मजदूर पहले से ही प्रोजेक्ट साइट पर मौजूद हैं और इसलिए "हमें काम रोकने का कोई कारण नजर नहीं आता". कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि याचिका किसी मकसद से 'प्रेरित' थी और "वास्तविक जनहित याचिका" नहीं थी. कोर्ट ने कहा कि शापूरजी पालोनजी ग्रुप को दिए गए ठेके के तहत काम नवंबर 2021 तक पूरा किया जाना है और इसलिए इसे जारी रखने की अनुमति दी जानी चाहिए.
याचिका में निर्माण कार्य को टालने की मांग हुई थी
प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य रोके जाने की मांग करते हुए यह याचिका अनुवादक के तौर पर काम करने वाली अन्या मल्होत्रा और डॉक्यूमेंट्री फिल्म मेकर सोहैल हाशमी ने दायर की थी. यााचिका में दलील दी गई थी कि यह प्रोजेक्ट आवश्यक गतिविधि नहीं है और इसलिए महामारी के दौरान अभी इसे टाला जा सकता है. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा था कि महामारी के बीच निर्माण कार्य में लगे मजदूरों की जिंदगी के खतरे के साथ-साथ दिल्ली के नागरिकों की जान के लिए भी यह खतरा है.
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत एक नए संसद भवन और एक नए आवासीय परिसर का निर्माण किया जाना है, जिसमें प्रधानमंत्री और उप-राष्ट्रपति के आवास के साथ-साथ कई नए कार्यालय भवन और मंत्रालयों के कार्यालयों के लिए केंद्रीय सचिवालय का निर्माण होना है. प्रोजेक्ट के तहत राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक 3 किलोमीटर के क्षेत्र को नए सिरे बसाया जा रहा है. ये पूरी परियोजना करीब 20,000 करोड़ रुपए की है.
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