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केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- कोरोना के कारण 3,85,000 लोगों की मौत, अभी संख्या बढ़ने की संभावना

Deepa Sahu
20 Jun 2021 11:58 AM GMT
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- कोरोना के कारण 3,85,000 लोगों की मौत, अभी संख्या बढ़ने की संभावना
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केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में कहा

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में कहा कि कोविड-19 महामारी से 3,85,000 से अधिक मौतें हुई हैं, यह संख्या और बढ़ने की संभावना है. उसने कहा कि यह देश में अतीत में किसी भी अन्य प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या से अधिक है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता रीपक कंसल और गौरव बंसल की ओर से एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें कोविड-19 से मरने वाले लोगों के परिजनों को आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत चार-चार लाख रुपए मुआवजा देने का निर्देश केंद्र और राज्य सरकारों को देने का अनुरोध किया गया था, जिस पर शीर्ष अदालत ने केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था.

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में कहा कि इन मौतों ने सभी वर्गों के परिवारों को प्रभावित किया है, जिसमें अमीर और गरीब, पेशेवर और इनफॉर्मल वर्कर्स, व्यापारी और किसान शामिल हैं. सरकार उन्हें आवश्यक सहायता और सपोर्ट प्रदान करने के लिए प्रति पूरी तरह से जागरूक है. हालांकि, यह कहना सही नहीं है कि इस तरह की सहायता केवल उन लोगों के लिए अनुग्रह सहायता के माध्यम से प्रदान की जा सकती है जिनकी मृत्यु हो गई है.
सरकार ने कहा कि महामारी के वर्तमान संदर्भ में यह एक आडंबरी और संकीर्ण दृष्टिकोण होगा. व्यापक दृष्टिकोण को लेकर प्रभावित समुदायों के लिए स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक सुधार शामिल है. यह एक अधिक विवेकपूर्ण, जिम्मेदार और दीर्घकालिक दृष्टिकोण होगा. विश्व स्तर पर अन्य देशों की सरकारों ने भी इस दृष्टिकोण का पालन किया है और इस तरह की घोषणा की है जो राजकोषीय प्रोत्साहन प्रदान करती हैं. हलफनामे में कहा गया है कि भारत सरकार ने भी इसी तरह का रुख अपनाया है
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में लगाए गए थे ये आरोप
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि कोर्ट राज्यों को निर्देश दे कि मृत्यु प्रमाण पत्र या अन्य आधिकारिक दस्तावेजों में मौत की वजह कोविड-19 दर्ज की जाए. कोविड-19 'अधिसूचित आपदा' है और प्रभावित व्यक्तियों और उनके परिवारों को राज्य आपदा मोचन कोष (एसडीआरएफ) के तहत सहायता की जरूरत है. याचिका में आरोप लगाया गया था कि कोविड-19 से मरने वालों का अस्पताल पोस्टमॉर्टम नहीं कर रहे हैं. याचिका में आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा-12 का उल्लेख किया गया है जो कहता है कि राष्ट्रीय प्राधिकार अपदा से प्रभावित व्यक्तियों को न्यूनतम मानक सहायता के लिए दिशानिर्देश की अनुशंसा करेंगे जिसमें जानहानि होने पर अनुग्रह राशि की सहायता शामिल हो सकती है.
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