नई दिल्ली। केंद्र सरकार धीरे-धीरे अपने आकाओं को खुश करने के लिए लोकतांत्रिक संस्थानों को ध्वस्त कर रही है। देश तेजी से लोकतंत्र से तानाशाही की ओर बढ़ रहा है, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-ए-मुसलेमीन, दिल्ली के अध्यक्ष कलीमुल हफ़ीज़ ने प्रेस को जारी एक बयान में कहा। उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री का रवैया वास्तव में पाखंड से भरा है । वो अपने अधिकार कम होने पर इस तरह बोल रहे थे जबकि यही साहब 370 ख़त्म होने पर, तलाक बिल पर केंद्र का समर्थन कर रहे थे।
वे एनआरसी और सीएए पर चुप थे और सरकार को खुश कर रहे थे।बाद में, वे लोगों को दिखाने के लिए विधानसभा में बिल की प्रतियां फाड़ रहे थे। यही किसानों के बिल के प्रति उनका रवैया था। पहले उन्होंने दिल्ली में कानून लागू किया और बाद में वे किसानों के समर्थन में खड़े हो गये। केजरीवाल को विरोध करने का कोई हक़ नहीं कि वह अपने अधिकार कम होने पर शोर मचायें। अध्यक्ष ने कहा कि केजरीवाल वास्तव में भाजपा के एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं। भाजपा के साथ उनका मतभेद नूरा कुश्ती के अलावा कुछ नहीं है।
कलीमुल हफ़ीज़ ने कहा कि भाजपा का एकमात्र उद्देश्य देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था को समाप्त करना है। इसलिए वह ऐसा बिल ला रही है जबकि लोकतंत्र हमारे देश की शान है। कलीमुल हफ़ीज़ ने कहा कि एनसीटीडी संशोधन विधेयक पारित होना दिल्ली के लोगों और लोकतंत्र का अपमान है।कलीमुल हफ़ीज़ ने मजलिस के कार्यकर्ताओं को देश में लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करने को कहा। संविधान का पालन और संरक्षण मजलिस का एकमात्र उद्देश्य है। मजलिस केन्द्र सरकार की तरफ़ से राज्य सरकारों के अधिकार कम करने के किसी भी बिल की निंदा करती है और माँग करती है कि इस तरह के सभी बिल वापस लिए जाएं।