भारत

केंद्र सरकार पंजाब में धान की खरीद कर रही सुनिश्चित: प्रल्हाद जोशी

jantaserishta.com
27 Oct 2024 10:19 AM GMT
केंद्र सरकार पंजाब में धान की खरीद कर रही सुनिश्चित: प्रल्हाद जोशी
x
नई दिल्ली: केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि केंद्र सरकार पंजाब में धान की खरीद सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा कि धान की खरीद आधिकारिक तौर पर 1 अक्टूबर को अस्थायी यार्ड सहित 2700 मंडियों में एक साथ शुरू हुई थी। सितंबर में भारी बारिश और धान में नमी की मात्रा अधिक होने के कारण कटाई और खरीद में थोड़ी देरी हुई। लेक‍िन देर से खरीद शुरू होने के बावजूद राज्य अब नवंबर तक 185 एलएमटी धान खरीद के अपने लक्ष्य को हासिल करने की राह पर है।
26 अक्टूबर तक मंडियों में 54.5 एलएमटी आवक में से 50 एलएमटी धान की खरीद की जा चुकी है। 2023-24 के दौरान 65.8 एलएमटी आवक में से 26 अक्टूबर 2023 तक 61.5 एलएमटी धान की खरीद की जा चुकी थी। कुल 3854 मिलर्स ने पंजीकरण के लिए आवेदन किया है, इनमें से 3283 मिलर्स को पंजाब सरकार द्वारा पहले ही काम आवंटित किया जा चुका है। अगले सात दिनों में अधिक मिलर्स के पंजीकरण कराने और उन्हें काम आवंटित करने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि खरीदे गए धान के भंडारण के ल‍िए पंजाब सरकार के साथ कई उच्च स्तरीय बैठकें हुई हैं। प्राथमिकता के आधार पर हम आगे बढ़ रहे है। इसमें घाटे वाले राज्यों में गेहूं के स्टॉक की शीघ्र निकासी, गोदामों को किराए पर लेना और भंडारण क्षमता के निर्माण में तेजी लाना आदि शामिल हैं।
अक्टूबर के लिए 34.75 एलएमटी की अखिल भारतीय संचलन योजना में से लगभग 40 प्रत‍िशत अर्थात 13.76 एलएमटी पंजाब को आवंटित किया गया है। मार्च 2025 तक पंजाब से हर महीने 13-14 एलएमटी गेहूं निकालने के लिए एक विस्तृत डिपो-वार योजना तैयार की गई है। मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि मिल मालिकों की ओर से एफसीआई द्वारा निर्धारित मौजूदा 67 प्रत‍िशत ओटीआर (धान से चावल तक आउट टर्न रेशियो) को कम करने की भी मांग की गई है। इसमें कहा गया है कि धान की किस्म पीआर 126 सामान्य से 4-5 प्रत‍िशत कम ओटीआर दे रही है। पंजाब में 2016 से पीआर-126 किस्म का उपयोग किया जा रहा है और पहले कभी इस तरह की कोई समस्या सामने नहीं आई थी। यह समझा जाता है कि इसे उठाए जाने का प्राथमिक कारण पंजाब में पीआर-126 के नाम से विपणन की जाने वाली संकर किस्मों में वृद्धि है।
चावल मिलर्स की शिकायत निवारण के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल शीघ्र ही लॉन्च किया जाएगा, ताकि उनके समक्ष आने वाली किसी भी कठिनाई का तुरंत समाधान किया जा सके।
Next Story