कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने राज्यसभा के 12 सदस्यों के निलंबन के मुद्दे को लेकर सदन में चल रहे गतिरोध पर गुरुवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार सवालों से डरती है. 12 सांसदों के निलंबन को लेकर पिछले चार दिनों से संसद के भीतर गतिरोध बना हुआ है. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने गुरुवार को संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया और इस दौरान सांसदों के निलंबन को रद्द करने की मांग करते हुए नारेबाजी की.
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, "सवालों से डर, सत्य से डर, साहस से डर…जो सरकार डरे, वो अन्याय ही करे." संसद के सोमवार को शुरू हुए शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को इस सत्र की शेष अवधि तक के लिए उच्च सदन से निलंबित कर दिया गया था. 12 निलंबित सांसदों में तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के विनय विस्वम शामिल हैं.
विरोध प्रदर्शन में राहुल गांधी के अलावा राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, डीएमके, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), आम आदमी पार्टी (AAP) और अन्य दलों के सांसद भी मौजूद थे. विपक्षी दलों ने "सांसदों का निलंबन वापस लो", "मोदी सरकार डाउन डाउन" जैसे नारे लगाए.
कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों का कहना है कि 12 सदस्यों का निलंबन रद्द किया जाना चाहिए, ताकि सदन सुचारू रूप से चल सके. मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि वह निलंबन के फैसले पर पुनर्विचार करें और निलंबन रद्द करें. सरकार सांसदों से माफी की मांग कर रही है, लेकिन वे इससे इनकार कर रहे हैं.