केंद्र सरकार अग्निपथ स्कीम को लेकर फैलाई जा रहीं फर्जी खबरों को लेकर 35 वॉट्सऐप ग्रुप किए बैन
ब्रेकिंग न्यूज़: नई सैन्य भर्ती योजना 'अग्निपथ' के बारे में फर्जी खबरें फैलाने के लिए केंद्र सरकार ने रविवार को 35 वॉट्सऐप ग्रुप्स पर प्रतिबंध लगा दिया. इस प्रतिबंध के बाद सरकार गलत सूचना फैलाने और हिंसा भड़काने में शामिल लोगों पर नजर रख रही है. अग्निपथ स्कीम को लेकर फर्जी खबरें फैलाने और युवाओं को गुमराह करने के आरोप में कम से कम 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. प्रेस सूचना ब्यूरो (Press Information Bureau) ने योजना के संबंध में जानकारी की जांच करने के लिए एक फैक्ट चेक लाइन भी खोली है.
कुछ दिनों पहले अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद से देश के विभिन्न हिस्सों में इस योजना के खिलाफ हिंसक विरोध के बीच यह कदम उठाया गया है. केंद्र ने बीते मंगलवार को भारतीय युवाओं के लिए सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए एक नई शॉर्ट टर्म भर्ती पॉलिसी का अनावरण किया. अग्निपथ नाम की यह योजना 17.5 से 21 साल की उम्र के युवाओं को चार साल के लिए 'अग्निवीर' के रूप में तीन सेवाओं में से किसी में शामिल करने में सक्षम बनाएगी.
नई व्यवस्था में करीब 25 फीसदी जवानों को रखने का प्रावधान: अग्निपथ योजना, जिसे पहले 'टूर ऑफ ड्यूटी' नाम दिया गया था, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के प्रमुखों की उपस्थिति में शुरू की गई थी. अग्निपथ के तहत भर्ती किए गए जवानों को चार साल बाद सेवा से मुक्त किया जाएगा, हालांकि नई व्यवस्था में करीब 25 फीसदी जवानों को रखने का प्रावधान होगा. तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में अग्निपथ योजना के तहत युवाओं की भर्ती के लिए व्यापक समयसीमा की घोषणा की.
अपनी इच्छा से सेना नहीं छोड़ सकेंगे 'अग्निवीर': सेना ने कहा कि अग्निवीर भारतीय सेना में अलग श्रेणी होगी जो मौजूदा रैंक से अलग होगी और उन्हें किसी भी रेजीमेंट या यूनिट में तैनात किया जा सकेगा. उसने कहा कि सरकारी गोपनीयता कानून, 1923 के तहत 'अग्निवीरों' को चार साल की सेवा के दौरान मिली गोपनीय सूचनाओं को किसी भी अनाधिकारिक व्यक्ति या सूत्र को बताने से प्रतिबंधित किया जाएगा. सेना ने कहा, 'इस योजना के लागू होने से सेना के मेडिकल ब्रांच के टेक्निकल कैडर के अलावा अन्य सभी सामान्य कैडरों में सैनिकों की नियुक्ति सिर्फ उन्हीं के लिए खुलेगी जिन्होंने बतौर अग्निवीर अपना कार्यकाल पूरा किया है.' सेना ने कहा कि सेवा काल समाप्त होने से पहले 'अग्निवीर' अपनी इच्छा से सेना नहीं छोड़ सकेंगे.