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केंद्रीय एजेंसियों ने आतंकी मॉड्यूल और स्लीपर सेल के बारे में चेताया
jantaserishta.com
3 Sep 2023 5:41 AM GMT
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चेन्नई: केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा तमिलनाडु में इस्लामिक ताकतों द्वारा आतंकी मॉड्यूल व स्लीपर सेल खड़ा करने के प्रयास की चेतावनी के बाद शुक्रवार को एनआईए ने एक युवक के आवास पर छापेेमारी की थी। एनआईए को सूचना मिली थी कि युवक कुछ अन्य लोगों के साथ धन जुटाने और मुस्लिम युवाओं का ब्रेनवॉश कर उन्हें आतंकी संगठनों में भर्ती करने में शामिल है। इससे तमिलनाडु के गृह विभाग में हड़कंप मच गया, जिसने तुरंत विशिष्ट 'क्यू' शाखा दस्ते को युवक, उसके सहयोगियों, परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों के बारे में विस्तृत जांच करने का आदेश दिया।
केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने तमिलनाडु के गृह विभाग को प्रतिबंधित इस्लामी संगठन, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कुछ पूर्व कार्यकर्ताओं की संभावनाओं के बारे में बताया था, जो खुद को फिर से संगठित कर रहे थे और तमिलनाडु के कुछ इलाकों में गुप्त रूप से काम कर रहे थे, जिसमें सेलम, इरोड , कोयंबटूर, थेनी, रामनाथपुरम, मदुरै और तिरुनेलवेली जिले के कुछ क्षेत्र शामिल हैं। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि तमिलनाडु में 14 फरवरी, 1998 के सिलसिलेवार बम विस्फोट के साथ इस्लामी संगठनों द्वारा राज्य में हमला करने का इतिहास रहा है। कोयंबटूर में सिलसिलेवार बम विस्फोटों से अधिकतम तबाही और मौतें हुई थीं।
इस विस्फोट में तत्कालीन उप प्रधान मंत्री एल.के. आडवाणी बाल-बाच बच गये थे, जबकि 58 लोगों की जान चली गयी थी और 200 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गये थे। दिलचस्प बात यह है कि तमिलनाडु का जेल विभाग, जो मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के अधीन आता है, ने उन 46 कैदियों की सूची भेजी है, जिन्हें द्रविड़ आंदोलन के संस्थापक नेता और तमिलनाडु के दिवंगत मुख्यमंत्री सी.एन. अन्नादुराई की 15 सितंबर को जन्मदिन पर आजादी दी जानी है।
सूची में आश्चर्यजनक रूप से इस्लामी आतंकवादी संगठन, अल-उम्मा के संस्थापक और कोयंबटूर बम विस्फोटों के मास्टरमाइंड एस.ए. बाशा भी शामिल हैं। 23 अक्टूबर, 2022 को कोयंबटूर के उक्कदम इलाके में कोट्टई ईश्वरन मंदिर के पास 29 वर्षीय युवक जमीशा मुबीन की कार में विस्फोट हो गया, जिससे उसकी जलकर मौत हो गई।
जांच से पता चला कि मुबीन तबाही मचाने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा था। 24 अक्टूबर, 2022 को दिवाली के दिन बाजार में गड़बड़ी करने की साजिश थी। लेकिन अनुभवहीनता के कारण बम लक्ष्य से पहले ही फट गया और सैकड़ों लोगों की जान बच गई। एनआईए ने जांच अपने हाथ में ली और 20 लोगों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक मोहम्मद तलका था, जो कोयंबटूर सीरियल बम विस्फोट के दोषी और अल-उम्मा के संस्थापक का भतीजा है, जिसे अन्नादुरई की जयंती पर रिहा करने पर विचार किया जा रहा है।
केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के शीर्ष सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि कुछ इस्लामी संगठन राज्य में आतंकी मॉड्यूल बनाने की कोशिश कर रहे हैं और कोयंबटूर सीरियल ब्लास्ट की साजिश रचने और उसे अंजाम देने वाली एस.ए. बाशा जैसे पेशेवर आतंकवादी की रिहाई से उन लोगों को बल मिलेगा, जो तमिलनाडु को आतंक की पनाहगाह बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
सितंबर 2022 में केंद्र सरकार द्वारा पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने के बाद, राज्य में अपेक्षाकृत शांति रही है और सांप्रदायिक झड़पों और राजनीति से प्रेरित हत्याओं में कमी आई है। लेकिन अल-उम्मा के संस्थापक नेता की जेल से रिहाई से आतंकी विचारधारा से जुड़े चरमपंथी तत्वों को उचित मार्गदर्शन और नेटवर्क मिलेगा। ये आतंकी संचालक अब भारतीय उपमहाद्वीप में तहरीक-ए-तालिबान और अल-कायदा के नाम से काम कर रहे हैं।
तमिलनाडु पुलिस के सूत्रों ने आईएएनएस को यह भी बताया कि एस.ए. बाशा जैसा बड़ा आतंकवादी जेल से बाहर आकर राज्य में सक्रिय सभी निष्क्रिय आतंकी मॉड्यूलों को मदद करेगा और कुछ मंदिरों पर, यहां तक कि पर बड़े हमले को अंजाम दे सकता है। यह भी ध्यान में रखा जा सकता है कि वही एस.ए. बाशा 8 अगस्त, 1993 को चेन्नई में तमिलनाडु के आरएसएस मुख्यालय पर हुए विस्फोट में शामिल था, जिसमें 11 आरएसएस कार्यकर्ता मारे गए थे और सात घायल हुए थे।
एक केंद्रीय एजेंसी में कई वर्षों तक काम कर चुके एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "हमने राज्य के गृह विभाग को उचित सुझाव दिए हैं और उन्हें कार्रवाई करनी होगी। तमिलनाडु में स्लीपर सेल हैं और कई सक्रिय हैं।" जिम और मार्शल आर्ट प्रशिक्षण केंद्रों की आड़ में गुप्त तरीके से धन इकट्ठा करना और प्रशिक्षण कक्षाएं संचालित कर रहे हैं। एनआईए द्वारा छापे के बाद राज्य पुलिस ने तटीय शहर रामनाथपुरम में जांच शुरू कर दी है।
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