केंद्र की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का मकसद गरीबों को आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा देना हैं: सीतारमण
दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि केंद्र की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का मकसद विशेष रूप से वंचितों को जरूरी वित्तीय सेवाएं मुहैया कराना है। उन्होंने कहा कि पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई सहित तीन सामाजिक सुरक्षा योजनाएं वंचित वर्ग को जोखिम, नुकसान और वित्तीय अनिश्चितता से बचाती हैं।
नागरिकों की भलाई के लिए हैं योजनाएं
तीन सामाजिक सुरक्षा (जन सुरक्षा) योजनाएं- प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) और अटल पेंशन योजना (एपीवाई)- नौ मई, 2015 को शुरू की गईं थीं। ये तीनों योजनाएं नागरिकों की भलाई के लिए हैं, जो अप्रत्याशित घटना और वित्तीय अनिश्चितताओं की स्थिति में सुरक्षा देती हैं। वित्त मंत्री ने जन सुरक्षा योजनाओं की 8वीं वर्षगांठ पर कहा कि इन योजनाओं का मकसद वंचित वर्ग के लोगों को जरूरी वित्तीय सेवाएं मुहैया कराना है, जिनके पास जोखिमों का मुकाबला करने की क्षमता कम होती है।
26 अप्रैल 2023 तक पीएमजेजेबीवाई के तहत 16.2 करोड़ का नामांकन
सीतारमण ने तीन योजनाओं के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 26 अप्रैल 2023 तक पीएमजेजेबीवाई के तहत 16.2 करोड़, पीएमएसबीवाई के तहत 34.2 करोड़ और एपीवाई के तहत 5.2 करोड़ नामांकन किए गए हैं। पीएमजेजेबीवाई के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि इसने 6.64 लाख परिवारों को महत्वपूर्ण सहायता दी है और उन्हें कुल 13,290 करोड़ रुपये की राशि दी गई। उन्होंने बताया कि पीएमएसबीवाई के तहत कुल 1.15 लाख से अधिक परिवारों को 2,302 करोड़ रुपये दिए गए। पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई के लिए दावा प्रक्रिया को सरल बनाया गया है।
सामाजिक सुरक्षा योजना देश के हर पात्र तक पहुंचाने का लक्ष्य
वित्त मंत्री ने कहा कि इन योजनाओं की पहुंच को अधिकतम करने के लिए इन्हें एक लक्षित दृष्टिकोण के जरिए कार्यान्वित किया जा रहा है। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह समर्पित है कि इन सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ पूरे देश में प्रत्येक पात्र व्यक्ति तक पहुंचे। इस अवसर पर वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को इन योजनाओं में शामिल करने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में अभियान चलाए जा रहे हैं।