यूपी। मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह को आखिरकार योगी सरकार यूपी कैडर में रोकने में कामयाब हो गई है। शनिवार देर रात केंद्र सरकार की तरफ से आजम खान के खिलाफ ताबड़तोड़ ऐक्शन लेने वालेआईएएस अफसर आंजनेय कुमार सिंह (Anjaneya Singh) को एक साल का और सेवा विस्तार दे दिया है।
आंजनेय कुमार सिंह सिक्किम कैडर के 2005 बैच के IAS अधिकारी हैं। उत्तर प्रदेश में जब अखिलेश यादव की सरकार थी, तब 16 फरवरी 2015 को वह प्रतिनियुक्ति पर उत्तर प्रदेश आए। बाद में सूबे में योगी की सरकार आई और फरवरी 2019 में आंजनेय को रामपुर का कलेक्टर बना दिया गया। यहां आते ही उन्होंने आजम खान के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू कर दी।
रामपुर में आने के बाद आंजनेय कुमार सिंह 2019 के लोकसभा चुनाव के वक्त चर्चा में आए। एक तरफ उन्होंने चुनाव अचार संहिता का कड़ाई से पालन करवाया, तो दूसरी तरफ इसका उल्लंघन करने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई भी की। जिसमें आजम खान के तमाम करीबी भी शामिल थे। इसी पर सपा के पूर्व मंत्री आजम खान ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि 'कलेक्टर-फलेक्टर से मत डरियो, ये तनखैय्ये हैं। अल्लाह ने चाहा तो चुनाव बाद इन्हीं से जूते साफ कराऊंगा।' आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम ने स्वार टांडा सीट से 2017 में विधानसभा चुनाव लड़ा था औऱ जीत हासिल की थी। लेकिन बीएसपी के टिकट से चुनाव लड़े नवाब काजिम अली खान ने चुनाव आयोग से शिकायत की कि अब्दुल्लाह आजम ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र लगाकर अपनी उम्र 25 वर्ष दिखाई थी और नामांकन किया था जबकि नॉमिनेशन के वक्त उनकी उम्र 25 साल नहीं थी। इसलिए उनका निर्वाचन रद्द होना चाहिए। चुनाव आयोग ने इस मामले की जांच तत्कालीन रामपुर डीएम आंजनेय कुमार सिंह को दी। आंजनेय कुमार सिंह की रिपोर्ट के आधार पर ही चुनाव आयोग ने अब्दुल्लाह आजम की सदस्यता रद्द कर दी थी। वहीं अब एक फिर एक केस में सजा के बाद दोबारा अब्दुल्ला आजम की विधायकी चली गई है।