दिल्ली। तोप की सलामी के साथ CDS बिपिन रावत पंचतत्व में विलीन हुए. बेटी ने पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी. इस दौरान उन्हें 17 तोपों की सलामी दी गई. सीडीएस बिपिन रावत समेत तमिलनाडु हेलिकॉप्टर क्रैश में जान गंवाने वाले सभी 13 लोगों को आज अंतिम विदाई दी गई. जनरल बिपिन रावत का पार्थिव शरीर उनके आवास से बरार स्क्वायर लाया गया. यहां CDS रावत की दोनों बेटियों ने पूरे रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया. इस दौरान 800 जवान यहां मौजूद रहे. इससे पहले जनरल बिपिन रावत का पार्थिव शरीर शुक्रवार को बेस हॉस्पिटल से उनके आवास लाया गया. यहां सीजेआई एनवी रमन्ना, तीनों सेनाओं के प्रमुख, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत तमाम नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. सीडीएस बिपिन रावत और मधुलिका रावत की बेटियों कृतिका और तारिनी ने अपने माता-पिता को श्रद्धांजलि दी.
शहीद ब्रिगेडियर एल एस लिड्डर की बेटी आश्ना लिड्डर ने कहा, मैं 17 साल की होने वाली हूं. मेरे पिता मेरे साथ 17 साल रहे. मैं उनकी अच्छी यादों के साथ आगे बढ़ूंगी. उनका जाना राष्ट्र के लिए नुकसान है. मेरे पिता हीरो थे. वे मेरे अच्छे दोस्ते थे. शायद उनका जाना हमारी किस्मत हो सकता है, या बेहतर चीजें आगे आएंगी. वे मेरे सबसे बड़े प्रेरक थे. ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर को अंतिम विदाई देने के बाद उनकी पत्नी गातिका लिड्डर ने कहा, हमें उन्हें हंसते हुए एक अच्छी विदाई देनी चाहिए. जिंदगी बहुत लंबी है, अब अगर भगवान को ये ही मंजूर है तो हम इसके साथ ही जीएंगें, वो एक बहुत अच्छे पिता थे, बेटी उन्हें बहुत याद करेगी. ये एक बहुत बड़ा नुकसान है. वहीं, ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर की बेटी ने कहा, मेरा पिता हीरो थे.