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सलामती की दुआ! 43 साल से सेना के साथ…जानिए कौन हैं CDS बिपिन रावत, परिवार के बारे में भी...

jantaserishta.com
8 Dec 2021 10:41 AM GMT
सलामती की दुआ! 43 साल से सेना के साथ…जानिए कौन हैं CDS बिपिन रावत, परिवार के बारे में भी...
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नई दिल्ली: तमिलनाडु के कुन्नूर में सेना का हेलिकॉप्टर खराब मौसम के कारण क्रैश हो गया है. हेलिकॉप्टर में चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधूलिका रावत समेत 14 लोग सवार थे. शुरुआती जानकारी के मुताबिक, सीडीएस बिपिन रावत अपनी पत्नी के साथ वेलिंगटन में एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे. कुन्नूर के घने जंगल में यह हादसा हो गया है.

हालांकि, अभी तक आर्मी ने सीडीएस बिपिन रावत की हालत को लेकर कोई बयान जारी नहीं किया है. सूत्रों के हवाले से ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि सीडीएस को रेस्क्यू कर अस्पताल ले जाया गया है. भारत के पहले सीडीएस को लेकर ऐसी खबर आने से देश में चिंता का माहौल है. सोशल मीडिया पर लोग सीडीएस और बाकी लोगों के सलामती की दुआ कर रहे हैं. बिपिन रावत 31 दिसंबर 2019 को सीडीएस नियुक्त किए गए थे.
उत्तराखंड से हैं CDS बिपिन रावत
लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत के बेटे बिपिन रावत उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मे हैं. उनका परिवार कई पीढ़ियों से सेना को अपनी सेवाएं देता आया है. बिपिन रावत, सेंट एडवर्ड स्कूल, शिमला, और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकसला के छात्र रहे हैं. उन्हें दिसंबर 1978 को भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से 11वें गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन में नियुक्त किया गया था, जहां उन्हें 'स्वॉर्ड ऑफ़ ऑनर 'से सम्मानित किया गया था.
कौन हैं बिपिन रावत की पत्नी
बिपिन रावत की पत्नी का नाम मधूलिका रावत है. मधुलिका रावत आर्मी वेलफेयर से जुड़ी हुईं हैं. वो आर्मी वुमन वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष हैं. बिपिन रावत की दो बेटियां भी हैं. एक बेटी का नाम कृतिका रावत है.
2016 में थल सेना अध्यक्ष बने थे बिपिन रावत
CDS बनाए जाने से पहले बिपिन रावत 27वें थल सेनाध्यक्ष थे. आर्मी चीफ बनाए जाने से पहले उन्हें 1 सितंबर 2016 को भारतीय सेना का उप-सेना प्रमुख नियुक्त किया गया था.
देश को विशिष्ट सेवाएं देने के लिए कई बार हुए सम्मानित
बिपिन रावत को आतंकवाद रोधी अभियानों में काम करने का कई वर्षों का अनुभव है. बिपिन रावत ने ऊंचाई वाले युद्ध क्षेत्रों में भी कई सालों तक काम किया है. उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए उन्हें 'परम विशिष्ठ सेवा मेडल' से सम्मानित किया गया है. इसके अलावा उन्हें उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ठ सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, सेना मेडल, विशिष्ठ सेवा मेडल आदि सम्मानों से नवाजा गया है.
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