शिक्षा में चुनौतियों के समाधान पर सीबीएसई ने शिक्षकों से मांगे अनुभव
दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) लर्निंग फ्रॉम प्रैक्टिशनर्स कार्यक्रम शुरू कर रहा है। जहां संबद्ध स्कूल के शिक्षक और शिक्षाविद पठन-पाठन की प्रमुख चुनौतियों और समस्याओं के समाधान की दिशा में अपने कार्य अनुभव साझा करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बोर्ड अनुदान के साथ-साथ प्रशिक्षण दाताओं के एक नेटवर्क के माध्यम से सर्वश्रेष्ठ नवाचारों का चयन और समर्थन करेगा।
एनईपी के अनुरूप प्रस्तावों को मिलेगी प्राथमिकता: चुने गए शिक्षक दस्तावेजीकरण और अन्य कार्यों में मदद करेंगे। उन प्रस्तावों को प्राथमिकता दी जाएगी जो नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी), 2020 के अनुरूप हैं। बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कक्षाओं और स्कूलों में जमीनी अनुभव, पेशेवर क्रियाकलाप और अनुसंधान समग्र शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र के लिए मार्गदर्शन करते हैं। छोटे-छोटे प्रयोगों से सीखना और प्रणालीगत चुनौतियों के लिए नए समाधान खोजने और अपनाने के रास्ते विकसित करना महत्वपूर्ण है।
चयनित आवेदकों को एक वर्ष में मिलेगा 25,000 रुपए अनुदान: उन्होंने कहा कि इसीलिए सीबीएसई लर्निंग फ्रॉम प्रैक्टिशनर्स कार्यक्रम शुरू कर रहा है जहां संबद्ध स्कूलों के शिक्षक और शिक्षाविद अपने काम के बारे में अनुभव साझा करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। अधिकारी ने कहा कि शिक्षा और स्कूली शिक्षा में पठन-पाठन की प्रमुख चुनौतियों और समस्याओं पर आवेदकों से परीक्षण, शोध करने की अपेक्षा की जाएगी।सीबीएसई अनुदान के साथ-साथ मेंटरशिप के नेटवर्क के माध्यम से सर्वश्रेष्ठ नवाचारों का चयन और समर्थन करेगा। चयनित आवेदकों को एक वर्ष में तीन किस्तों में 25,000 रुपए का निश्चित अनुदान दिया जाएगा। अनुदान का इस्तेमाल साक्ष्य तैयार करने, दस्तावेजीकरण के लिए किया जा सकता है। राशि का भुगतान आवेदक के बैंक खाते में ऑनलाइन किया जाएगा।