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समराला। केंद्र सरकार के निशाने पर रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजमेर सिंह लखोवाल के घर व व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर सी.बी.आई ने आज छापेमारी की है। यह छापेमारी कई घंटे तक चलती रही और सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सी.बी.आई. टीमों ने किसान नेता के समराला स्थित एक पेट्रोल पंप समेत मोहाली स्थित आवास पर छापेमारी के दौरान कई दस्तावेज जब्त किए हैं। टीम द्वारा लखोवाल के बेटे और किसान संगठन के पंजाब महासचिव हरिंदर सिंह लाखोवाल के मोहाली स्थित आवास से कुछ बैंकों के पासबुक, चेक और कई अन्य दस्तावेज जब्त किए गए हैं। यह छापेमारी शाम करीब 5 बजे तक जारी रही और इस छापेमारी के पीछे सी.बी.आई. का मकसद क्या था अभी इसका खुलासा नहीं हुआ है। अब तक मिली सूचना के मुताबिक आज सुबह करीब 7 बजे सी.बी.आई. अधिकारियों की एक टीम ने भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष अजमेर सिंह लाखोवाल के समराला स्थित पेट्रोल पंप, उनके पैतृक गांव लाखोवाल स्थित आवास और मोहाली में उनके पुत्र के घर पर छापा मारा। केंद्रीय एजेंसी के 6-7 अधिकारियों की एक टीम समराला स्थित उनके पेट्रोल पंप पर पहुंची और पेट्रोल पंप के कार्यालय में काम करने वाले पंप के कर्मचारियों को अपनी पहचान बताए बिना दस्तावेजों की तलाशी ली। साथ ही एक टीम उनके पैतृक गांव लाखोवाल गई और टीम के आधे सदस्य उनके पुत्र व संगठन के महासचिव हरिंदर सिंह लाखोवाल के मोहाली स्थित आवास पर पहुंचे।
इस पूरी छापेमारी के दौरान हरिंदर सिंह लाखोवाल खुद घर पर मौजूद नहीं थे। टीम उनके आवास पर पहुंची, उन्होंने घर में मौजूद महिलाओं से उनके सभी मोबाइल फोन जब्त कर लिए। करीब 10 घंटे तक लगातार सी.बी.आई. यहां रही। टीम की छापेमारी जारी रही और घर में मौजूद सभी कागजातों की गहनता से जांच की गई। टीम कुछ देर पेट्रोल पंप पर रही, लेकिन सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक उनके घर पर छापेमारी करती रही। वहीं दूसरी ओर किसान नेता हरिंदर सिंह लाखोवाल ने केंद्र सरकार की इस कार्रवाई का विरोध करते हुए उन्हें डराने और चुप कराने की केंद्र सरकार की घटिया कार्रवाई करार दिया और कहा कि उनका संगठन किसी भी कार्रवाई के आगे नहीं झुकेगा। उनका किसान संगठन बंदी सिंहों की रिहाई के लिए चंडीगढ़ में चल रहे मार्च का पूरा समर्थन कर रहा है और केंद्र सरकार मार्च में शामिल होने के लिए उनकी जत्थेबंदी की तरफ से एक बड़े समूह को ले जाने से नाराज होकर आज उनके घर और व्यापारक आदारों को निशाना बनाया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बंदी सिंहों को उनकी रिहाई के लिए उठ रही आवाज को दबाने के लिए डराना चाहती है।. उन्होंने कहा कि सुबह से शाम तक सी.बी.आई. ने उनके पेट्रोल पंपों और घरों पर छापेमारी की पर कुछ नहीं मिला, लेकिन एजेंसी के अधिकारी अपनी नाकामी छिपाने के लिए बैंक के कुछ ब्लैंक चेक, पासबुक और कुछ अन्य दस्तावेज ले गए। उनके संगठन ने किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए संघर्ष का बिगुल फूंकने के लिए 20 मार्च को दिल्ली में एक विरोध रैली करने की घोषणा की है, लेकिन केंद्र सरकार किसानों की मांगों को पूरा करने के बजाय इस तरह की करतूत कर रही है। किसानों के संघर्ष को कुचलने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
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Shantanu Roy
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