गाड़ियों की हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (High Security Number Plate) के आवंटन मामले में धांधली कर ठेका लेने वाली एक निजी कंपनी और मेघालय सरकार के परिवहन विभाग के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई ने विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज कर छापेमारी की. छापेमारी के दौरान अनेक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए. सीबीआई प्रवक्ता आर सी जोशी के मुताबिक यह छापेमारी देश के 4 राज्यों में की गई जिसमें मेघालय, महाराष्ट्र, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश शामिल है. सीबीआई प्रवक्ता के मुताबिक, जांच एजेंसी ने इस मामले में विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुंबई की कंपनी सिमनीट यू. इंडिया प्राइवेट लिमिटेड समेत मेघालय के यातायात विभाग के अधिकारियों और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था.
सीबीआई के मुताबिक, इस मामले में आरोप है कि साल 2003 में मेघालय सरकार ने हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट्स स्कीम के कार्यान्वयन के लिए एक निविदा निकाली थी। इसके तहत ठेका मिलने वाली कंपनी को मेघालय में ऐसी नंबर प्लेट बनाकर देनी थी। इस निविदा प्रक्रिया मामले में तीन निजी कंपनियों ने हिस्सा लिया था और ये कंपनियां मुंबई और दिल्ली में थीं.
आरोप के मुताबिक मुंबई की सिमनीट कंपनी में इस मामले में मेघालय सरकार के परिवहन विभाग के अज्ञात कर्मियों की मिलीभगत से अपने द्वारा नियंत्रित कंपनियों के माध्यम से सांठगांठ वाली नीलामी की बोली लगाई जिससे उसे यह ठेका मिले. दिलचस्प है कि इस मिलीभगत और धांधली के चलते हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाने का ठेका साल 2005 में मुंबई की सिमनीट कंपनी को ही मिल गया. यह ठेका इस कंपनी को ऊंचे दामों पर मिला जिसके चलते इन हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट कीमतें भी ज्यादा मांगी गईं. सीबीआई का कहना है कि इस मामले में आरंभिक जांच के दौरान सामने आया कि कंपनी के डायरेक्टर नितिन शाह की भी इस पूरे मामले में महत्वपूर्ण भूमिका है. लिहाजा जांच के बाद मामले में नियमित एफआईआर दर्ज की गई जिसमें नितिन शाह समेत अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया और छापेमारी की गई.
यह छापेमारी मंगलवार शिलांग (मेघालय), दिल्ली, मुम्बई और सिरमौर (हिमाचल प्रदेश) स्थित आरोपी के कई स्थानों/सम्बन्धित परिसरों में की गई. छापेमारी के दौरान जो भी सामान बरामद किया गया है उनका आकलन किया जा रहा है. मामले में जांच जारी है.