CBI ने 14 जगहों में मारा छापा, 6000 करोड़ के भुगतान मामले में हनी गोयल सहित 6 गिरफ्तार
बैेंक ऑफ बड़ौदा में 2015 में पकड़े गए 6000 करोड़ रुपये के विदेशी मुद्रा भुगतान घोटाले (REMITTANCE SCAM) में सीबीआई ने बुधवार को छह लोगों को गिरफ्तार किया है। मामले में जांच एजेंसी ने आज 14 ठिकानों पर छापे भी मारे। सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी ने बताया कि इस मामले में 12 दिसंबर 2015 को बैंक आफ बड़ौदा के तत्कालीन एजीएम और विदेशी मुद्रा अधिकारी के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने बुधवार को तनुज गुलाटी, ईश भूटानी, उज्जवल सूरी, हनी गोयल, साहिल वाधवा व राकेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया। केस की चल रही जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए इन्हें पकड़ा गया है। सीबीआई ने 2015 में इस मामले में बैंक के कई अधिकारियों व अन्य के खिलाफ केस दायर किया था। इन पर दिल्ली की अशोक विहार शाखा के 59 करंट अकाउंट खातों से दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में 6000 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान बगैर किसी वस्तु का आयात किए करने का आरोप है।
सीबीआई सूत्रों ने बताया कि अशोक विहार शाखा नई थी और उसे 2013 में ही विदेशी मुद्रा लेनदेन की इजाजत दी गई थी। उन्होंने बताया कि 6000 करोड़ रुपये का भुगतान जुलाई 2014 से जुलाई 2015 के बीच 8000 फॉरेक्स ट्रांजेक्शन के जरिए किया गया। प्रत्येक ट्रांजेक्शन में राशि 1 लाख डॉलर से कम रखी गई।
हांगकांग में किया भुगतान - केस दर्ज होने के बाद अधिकारियों ने बताया था कि आरोपियों ने विदेशी मुद्रा का सारा भुगतान हांगकांग में किया। यह पैसा आयात के लिए बतौर एडवांस राशि के रूप में भेजा गया, जबकि पैसा पाने वाले भी ये ही लोग थे। विदेशी मुद्रा संबंधी सारे लेनदेन नए खोले गए करंट अकाउंट के जरिए किए गए, जिनमें भारी नकद जमा हुआ, लेकिन बैंक शाखा ने इसकी असाधारण लेनदेन रिपोर्ट (ETR) और बहुत बड़ी राशि के लेनदेन पर निगरानी नहीं रखी।