स्टेशन मास्टर समेत 5 कर्मचारियों को CBI ने उठाया, ओडिशा रेल हादसे में हो सकता है बड़ा खुलासा
ओडिशा। ओडिशा में हुए रेल हादसे की जांच में सीबीआई की टीम जुटी हुई है। सीबीआई टीम ने दक्षिणी पूर्वी रेलवे के पांच कर्मचारियों को पूछताछ के लिए उठाया है। इनमें बहनागा बाजार के असिस्टेंट स्टेशन मास्टर भी शामिल हैं। इन सभी पर आरोप हैं कि उन्होंने मेंटनेंस के बाद टेस्टिंग के स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल को फॉलो नहीं किया। इस हादसे में करीब तीन सौ लोग मारे गए थे और सैकड़ों अन्य घायल हो गए थे।
सीबीआई ओडिशा की हादसे की विभिन्न एंगल से जांच कर रही है। पिछले तीन दशकों में देश के सबसे भीषण रेल हादसे के पीछे आपराधिक साजिश और संभावित तोड़फोड़ की आशंका है। सीबीआई ने मामले में सहायक स्टेशन मास्टर एसबी मोहंती और सिग्नल मेंटेन करने वाले चार लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया है। इलेक्ट्रिकल सिग्नल मेंटेनर रेलवे सिग्नलिंग का रख-रखाव करते हैं। यह लोग दो जून को रख-रखाव के लिए बहानागा आए थे। सीबीआई सूत्रों ने बताया कि प्रोटोकॉल के मुताबिक उन्हें रख-रखाव के बाद ऑन-ड्यूटी सहायक स्टेशन प्रबंधक के साथ समन्वय में सिग्नल का परीक्षण करना था। लेकिन वे सिग्नल और इलेक्ट्रॉनिक सिग्नलिंग सिस्टम के परीक्षण से पहले चले गए थे।
इससे पहले सीबीआई ने बहनागा बाजार स्टेशन के रेलवे कर्मचारियों के सभी मोबाइल फोन, लॉगबुक जब्त कर लिए थे। साथ ही रिले इंटरलॉकिंग पैनल को सील कर दिया था, जो सिग्नल, पॉइंट, ट्रैक सर्किट, क्रैंक हैंडल, एलसी गेट, साइडिंग आदि के लिए उनकी भौगोलिक स्थिति के अनुसार संकेत दिखाता है। रिले इंटरलॉकिंग पैनल सील होने के चलते जांच पूरी होने तक अब कोई भी यात्री या मालगाड़ी स्टेशन पर नहीं रुक सकती। रेलवे सूत्रों ने कहा कि सीबीआई अधिकारी विशेष रूप से सहायक स्टेशन मास्टर के साथ-साथ सिग्नल मेंटेनर की लापरवाही की जांच कर रहे हैं। वजह, रेलवे लेवल क्रॉसिंग पर एक मैनुअल बूम बैरियर को हल्के इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर से बदला जाना था। इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर को चलाना आसान है। बैरियर सिग्नल इंटरलॉकिंग सिस्टम से जुड़ा हुआ है। स्टेशन मास्टर सिग्नल इंटरलॉकिंग सिस्टम से बूम बैरियर मूवमेंट को डीलिंक करने की अनुमति दे सकता है। ताकि बूम बैरियर पर मरम्मत कार्य होने के बावजूद ट्रेनों को आगे बढ़ने की अनुमति मिल सके।