अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर केस में CBI ने नई चार्जशीट दायर की
दिल्ली। अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी (VVIP) हेलिकॉप्टर मामले में दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में (CBI) ने नई चार्जशीट दायर की है.चार्जशीट में पूर्व CAG और रक्षा सचिव शशि कांत शर्मा और भारतीय वायु सेना के कई अधिकारियों के नाम है. सूत्रों के अनुसार, CBI को शर्मा के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मिली है. कोर्ट मामले में सुनवाई 28 मार्च को करेगी. सूत्रों के मुताबिक सीबीआई को शशिकांत शर्मा (Shashi Kant Sharma) के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी मिल गई है. सीबीआई ने 3,600 करोड़ रुपए के अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदे में कथित भ्रष्टाचार के मामले में शर्मा के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी.
इस मामले में 11 मार्च को दिल्ली हाई कोर्ट ने कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल जेम्स की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इस मामले की जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा की जा रही है. जस्टिस मनोज कुमार ओहरी ने कहा कि आवेदन खारिज किया जाता है.अन्य आवेदन में भी यही आदेश है. इसके अलावा, सीबीआई ने तर्क दिया था कि समाज में जेम्स की कोई जड़ें नहीं हैं और उसे मामले में जमानत नहीं दी जा सकती है. 3,600 करोड़ रुपए का कथित घोटाला अगस्ता वेस्टलैंड से 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की खरीद से संबंधित है. जेम्स को दिसंबर 2018 में दुबई से प्रत्यर्पित किया गया था और बाद में दो जांच एजेंसियों ने गिरफ्तार कर लिया था.
बता दें 20202 में चार्जशीट में यह आरोप लगाया गया था कि दो आरोपियों ने अपनी नई दिल्ली स्थित कंपनी के माध्यम से 2009 में कोलकाता में स्थित एक कंपनी का अधिग्रहण किया था, ताकि अवैध धन को वैध बनाया जा सके. शेल कंपनियों को बनाने वाले अन्य आरोपियों की मिलीभगत से बैंकिंग चैनलों के माध्यम से इसे हासिल किया गया. इसके लिए विभिन्न बैंकों में फर्जी बैंक खाते भी खोले गए.
आरोप लगाया गया था कि अन्य आरोपियों ने कथित तौर पर फर्जी चालान तैयार किए और कंपनियों के माध्यम से उक्त धन को स्थानांतरित करने के लिए मेल भेजे. दस्तावेजों और विवरणों की प्रतियां बरामद की गईं. वहीं सीबीआई ने पहले इस मामले में 1 सितंबर 2017 को तत्कालीन एयर चीफ मार्शल (अब सेवानिवृत्त) और 11 अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी.अगस्ता वेस्टलैंड ने मामले से बरी होने की मांग करते हुए दोहरे खतरे की याचिका दायर की थी. हालांकि, सीबीआई अदालत ने नवंबर में तत्काल राहत देने से इनकार कर दिया था.