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सीएम जगन मोहन रेड्डी की जमानत रद्द करने की मांग वाली याचिका को CBI कोर्ट ने खारिज की, ये बताई वजह

Kunti Dhruw
15 Sep 2021 3:31 PM GMT
सीएम जगन मोहन रेड्डी की जमानत रद्द करने की मांग वाली याचिका को CBI कोर्ट ने खारिज की, ये बताई वजह
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सीएम जगन मोहन रेड्डी सीएम जगन मोहन रेड्डी की जमानत रद्द करने की मांग वाली याचिका को CBI कोर्ट ने खारिज की.

हैदराबाद में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के मामलों की एक विशेष अदालत ने बुधवार को वाईएसआर (YSR) कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की जमानत रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी.दरअसल वाईएसआर कांग्रेस के बागी सांसद के. रघु राम कृष्णा राजू ने अदालत में एक याचिका दायर कर जगन की जमानत रद्द करने का अनुरोध किया था.

के. रघु राम ने आरोप लगाया था कि वह जमानत की शर्तों का अनुपालन नहीं कर रहे हैं. साथ ही, मुख्यमंत्री पर सीधे या परोक्ष तरीके से गवाहों पर दबाव डालने का भी आरोप लगाया था. इसके बाद, राजू ने एक और अर्जी दायर कर वाईएसआर कांग्रेस राज्यसभा सदस्य विजय साई की जमानत रद्द करने की मांग करते हुए उन पर जमानत शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया.
अदालत ने बताई ये वजह
वहीं सीबीआई अदालत ने वाईएसआरसीपी के बागी सांसद की इस दलील से असहमति जताई कि जगन ने बदले की भावना के मामले में जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया था.अदालत ने ये भी कहा कि किसी भी गवाह की ओर से ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है जिसमें कहा गया हो कि जगन ने सत्ता में आने के बाद उन्हें डराने या प्रभावित करने की कोशिश की.
'मामले को लंबे समय तक खींचना चाहते हैं जगन'
याचिकाकर्ता के अनुसार जगन मामले को लंबे समय तक खींचना चाहते हैं.उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख (जगन) और अन्य के खिलाफ 11 आरोपपत्र दाखिल किये थे. किसी चीज के एवज में कथित तौर पर फायदा पहुंचाने के मामले में जगन को मुख्य आरोपी और साई को दूसरा आरोपी बनाया गया है.
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने (सीबीआई) ने आरोप लगाया है कि ये मामले भूमि बांटने सहित विभिन्न फायदे पहुंचाने के एवज में जगन की कंपनियों में कई कंपनियों द्वारा किये गये निवेश से संबद्ध हैं. यह सब जगन के पिता वाई एस राजशेखर रेड्डी के 2004 से 2009 के बीच अविभाजित आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहने के दौरान हुआ था.जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि जगन ने इस तरह अपने दिवंगत पिता के पद का दुरूपयोग करते हुए अकूत संपत्ति अर्जित की. मामले में कई पूर्व मंत्री और नौकरशाह भी आरोपी हैं.
जगन और साई फिलहाल जमानत पर हैं. जगन की मई 2012 में गिरफ्तारी होने के बाद 15 महीने जेल में रहने पर सितंबर 2013 में कैद से रिहाई हुई थी. जगन के करीबी सहयोगी विजय साई ने जगन की कंपनियों में वित्तीय सलाहकार के तौर पर सेवा दी थी और वह इस मामले में 2012 में गिरफ्तार होने वाली पहले व्यक्ति थे. उन्हें अक्टूबर 2013 में जमानत मिली थी.
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