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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
नई दिल्ली: बीमारी के इलाज के लिए हम लोग दवाओं, इंजेक्शन पर निर्भर रहते हैं. उम्मीद करते हैं कि जो दवा-इंजेक्शन हम ले रहे हैं वह सभी टेस्ट से गुजरकर आई है और बीमारी को खत्म करने में मदद करेगी. लेकिन इस बीच एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. पता चला है कि डायबिटीज के इंजेक्शन को बिना ट्रायल मंजूरी दिलाने की कोशिशें हो रही थीं, इसमें मंजूरी देने वाले अधिकारी ही घूस लेते पकड़े गए हैं.
मामला Biocon Biologics कंपनी से जुड़ा है. इसने Insulin Aspart इंजेक्शन बनाया था. इसे Type 1 और Type 2 डायबिटीज (Diabetes) को कंट्रोल करने के लिए बनाया गया था. अब Insulin Aspart injection का तीसरे चरण का क्लीनिकल टेस्ट होना था. लेकिन तीसरे चरण के इस ट्रायल से बचने के लिए रिश्वत की पेशकश की गई. हालांकि, सीबीआई को इसकी पहले ही भनक लग गई और अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया गया.
एजेंसी के मुताबिक सीबीआई ने ज्वाइंट ड्रग्स कंट्रोलर (Joint Drugs Controller) एस ईश्वरा रेड्डी को गिरफ्तार किया है. उनपर आरोप है कि वह Biocon Biologics के Insulin Aspart injection को तीसरे चरण के ट्रायल से छूट देने के बदले चार लाख रुपये रिश्वत ले रहे थे.
CBI ने ज्वाइंट ड्रग कंट्रोलर एस ईश्वर रेड्डी के खिलाफ रिश्वत के मामले में आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है. जानकारी के मुताबिक सीबीआई एक महीने से अधिक समय से इनपुट पर काम कर रही थी. इसके बाद छापे की कार्रवाई की. बायोकॉन बायोलॉजिक्स की ओर से कुल 9 लाख रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी. इसमें से कंपनी की ओर से बिचौलिए ने 4 लाख रुपए की रिश्वत दी. इसी दौरान सीबीआई ने रेड्डी को गिरफ्तार कर लिया.
सीबीआई ने आरोप लगाया कि बायोकॉन बायोलॉजिक्स के नियामक कार्य को बायोइनोवेट रिसर्च सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के गुलजीत सेठी द्वारा देखा जाता था. जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि बायोइनोवेट और सिनर्जी नेटवर्क के बीच व्यापारिक लेन-देन है, इसलिए कंपनी रिश्वत देने के लिए तैयार हो गई.
वहीं आरोपों से इनकार करते हुए बायोकॉन बायोलॉजिक्स के प्रवक्ता ने कहा कि हमारे सभी उत्पाद पूरी तरह से वैध हैं और अनुमोदित हैं. हमारे bAspart को यूरोप और कई अन्य देशों में अनुमोदित किया गया है. उन्होंने कहा कि हम DCGI के सभी दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन करते हैं. भारत में पूरी आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन है और सभी मीटिंग मिनट सार्वजनिक डोमेन में है. प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी जांच एजेंसी के साथ सहयोग कर रही है.
jantaserishta.com
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