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Lok Sabha Chunav Results के दिन केंद्रीय एजेंसियों ने सुप्रीम कोर्ट में कही ये बात

jantaserishta.com
4 Jun 2024 11:48 AM GMT
Lok Sabha Chunav Results के दिन केंद्रीय एजेंसियों ने सुप्रीम कोर्ट में कही ये बात
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस केस में ट्रायल कोर्ट में नियमित सुनवाई का तब तक कोई फायदा नहीं, जब तक कि एजेंसियों द्वारा जांच पूरी नहीं कर ली जाती।
DELHI NEWS: सीबीआई और ईडी ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वे दिल्ली के कथित शराब घोटाले में अपनी जांच पूरी कर 3 जुलाई तक फाइनल चार्जशीट दाखिल कर देगी। इन एजेंसियों ने यह दावा तब किया जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस केस में ट्रायल कोर्ट में नियमित सुनवाई का तब तक कोई फायदा नहीं, जब तक कि एजेंसियों द्वारा जांच पूरी नहीं कर ली जाती।
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान एजेंसियों ने 3 जुलाई तक जांच पूरी करने की बात कही। सिसोदिया ने अपनी याचिका में कहा था कि ट्रायल में देरी के कारण उन्हें जमानत नहीं मिल पा रही है।
सुप्रीम कोर्ट के जज अरविंद कुमार और जज संदीप मेहता की अवकाशकालीन बेंच ने कहा कि ट्रायल कोर्ट अपनी कार्यवाही तब तक आगे नहीं बढ़ा सकता जब तक कि सीबीआई और ईडी अपनी जांच पूरी कर चार्जशीट फाइल नहीं कर देती। समय से ट्रायल का महत्व बताते हुए बेंच ने जोर देकर कहा कि बिना जांच पूरी किए ट्रायल के लिए जल्द आदेश देना अव्यवहारिक होगा।
सीबीआई और ईडी द्वारा 3 जुलाई कर जांच पूरी कर चार्जशीट दायर करने की बात कहने के बाद कोर्ट ने सिसोदिया की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने जांच एजेंसियों की ओर से पेश सालिसिटर जनरल से कहा कि हम उनका स्टेटमेंट रिकॉर्ड में रख रहे हैं कि एजेंसियां 3 जुलाई या उससे पहले केस की जांच पूरी कर लेगी। सिसोदिया की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी कोर्ट में पेश हुए।
सिंघवी ने कोर्ट से कहा कि इसी बेंच के सामने अक्टूबर 2023 में याचिका पेश की गई थी, जिसमें कहा गया था कि भले ही जमानत याचिका मंजूर न हो, लेकिन केस का ट्रायल शुरू कर दिया जाए। लेकिन कोर्ट ने कहा था कि इस केस की जांच पूरी होने के बाद सिसोदिया दोबारा जमानत याचिका दायर कर सकते हैं।
हालांकि मेहता ने कोर्ट से आग्रह किया कि वह ट्रायल कोर्ट को नियमित सुनवाई के लिए निर्देश क्योंकि एजेंसियां जल्द ही इस केस में जांच पूरी कर लेगी। इस पर कोर्ट ने कहा कि यह सिर्फ विश्वास पर आधारित आग्रह है। जब तक आप (एजेंसियां) जांच पूरी नहीं कर लेते, किस आधार पर ट्रायल के लिए निर्देश देने का आग्रह कर रहे हैं।
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