लेकिन, बाद में नकदी की जांच और गिनती करने पर, कैश बॉक्स की सील टूटी हुई पाई गई और कुल 20 लाख रुपये के 2,000 रुपये के नोट का बंडल गायब पाया गया। पुलिस ने उन कर्मचारियों का विवरण एकत्र किया जो उस विशेष दिन कैश वैन पर ड्यूटी पर थे और उनके मोबाइल नंबरों की सीडीआर का विश्लेषण किया गया और मार्ग पर सभी संभावित स्थानों के सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की गई। पूछताछ के दौरान, कैश वैन के गार्डों में से एक, कृष्ण कुमार टूट गया और अपराध करने की बात कबूल कर ली। उसने खुलासा किया कि पहले वह भारतीय सेना में था और सेवानिवृत्ति के बाद वह 2017 से पीएनबी कैश वैन में गार्ड के रूप में काम कर रहा था। नकदी ढुलाई के दौरान उसने सुरक्षा पहलुओं में कुछ खामियां देखीं और पैसे के लालच में उसने साजिश रची। उसे पता था कि कैश वैन के सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे थे और सुरक्षा के लिए उसके साथ तैनात कर्मचारी भी नए थे।
डीसीपी संजय कुमार सैन ने कहा, "मौका देखकर उसने कैश बॉक्स खोलकर पैसों के बंडल से 20 लाख रुपये का बंडल पार कर दिया। अपराध को अंजाम देने के बाद कृष्ण कुमार चुराए नोटों की गड्डी लेकर हरिद्वार चला गया और वहां लगभग 30,000 रुपये खर्च कर दिए।"