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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
नई दिल्ली: मामले की सुनवाई न्यायाधीश जयमाल्या बागची की खंडपीठ ने की. पीठ ने ये बात मानने से इनकार कर दिया कि विधायकों को अंतरिम जमानत देने ने से जांच प्रभावित होगी. साथ ही कहा कि अभी भी ये साबित करना बाकी है कि ये विधायकों की खरीद-फरोख्त (हॉर्स-ट्रेडिंग) का मामला है.
पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में झारखंड के 3 विधायकों के पास से पुलिस ने 30 जुलाई की रात को भारी संख्या में नगदी बरामद की थी. कैश इतना ज्यादा था कि नोटों की गिनती के लिए काउंटिंग मशीन मंगवानी पड़ी थी. हावड़ा सिटी पुलिस के डीसीपी साउथ प्रतिक्षा झाखरिया के मुताबिक राजेश कच्छप, नमन विक्सेल कोंगारी और इरफान अंसारी के पास से यह नगदी मिली थी.
इस घटना को लेकर झारखंड में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा था कि इस साजिश के पीछे बीजेपी का हाथ है. वे लंबे समय से गैर बीजेपी शासित राज्यों में सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं. ये बात सार्वजनिक डोमेन में है कि उन्होंने कैसे महराष्ट्र सरकार को अस्थिर किया.
बाद में कांग्रेस के मीडिया इंचार्ज पवन खेड़ा और झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी कि इन विधायकों को निलंबित कर दिया था.
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा था- बीजेपी का 'ऑपरेशन लोटस' बेनकाब हो गया. जयराम रमेश ने ट्वीट किया, "झारखंड में भाजपा का 'ऑपरेशन लोटस' आज की रात हावड़ा में बेनकाब हो गया. दिल्ली में 'हम दो' का गेम प्लान झारखंड में वही करने का है जो उन्होंने महाराष्ट्र में एकनाथ-देवेंद्र (E-D) की जोड़ी से करवाया.
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