3 सरकारी कर्मचारियों पर चलेगा गैंगस्टर एक्ट के तहत केस, पुलिस ने कलेक्टर को सौंपी रिपोर्ट
यूपी। फर्जी शस्त्र लाइसेंस प्रकरण में गोरखपुर में दो असलहा बाबू और एक कंप्यूटर ऑपरेटर सहित अन्य पर भी जल्द ही गैंगेस्टर लगाने की तैयारी है। इनके खिलाफ पूरक चार्जशीट दाखिल करने के बाद गैंगेस्टर की कार्रवाई के लिए पुलिस ने डीएम के यहां रिपोर्ट भेज दी है। वहां से अनुमोदन मिलते ही गैंगस्टर का केस दर्ज करने की तैयारी है। बताया जा रहा है कि फर्जीवाड़ा में मास्टर माइंड मानकर इनकी सम्पत्ति भी जब्त करने की तैयारी है।
गोरखपुर में 4 अगस्त 2019 को फर्जी शस्त्र लाइसेंस का प्रकरण तब सामने आया था जब गोरखनाथ थाना क्षेत्र के रहने वाले तनवीर अहमद को पुलिस ने फर्जी शस्त्र लाइसेंस के मामले में गिरफ्तार किया था। उसकी जांच के बाद पता चला कि तनवीर के अलावा जिले में 200 के करीब फर्जी शस्त्र लाइसेंस बांट दिए गए हैं। तत्कालीन असलहा बाबू राम सिंह ने इस मामले में केस दर्ज कराया था। पुलिस की जांच में पता चला कि असलहा बाबू राम सिंह, पूर्व असलहा बाबू अशोक गुप्ता, सेवानिवृत्त बाबू विजय प्रताप श्रीवास्तव, संविदाकर्मी अजय प्रताप गिरी भी इस गिरोह में थे।
पुलिस ने मुख्य आरोपी गन हाउस के संचालक रवि पांडेय समेत 15 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। विवेचना में विजय प्रताप, विकास तिवारी, तनवीर, शमशेर आलम, प्रणय प्रताप, शमशाद, विजय प्रताप श्रीवास्तव, आजम लारी, शाहिद अली, अशफाक अहमद, विवेक मद्धेशिया, रवि प्रताप पांडेय, राम सिंह, अशोक गुप्ता और अजय प्रताप गिरी को आरोपी बनाया गया पर सरकारी कर्मियों के खिलाफ चार्जशीट नहीं दाखिल हो पाई थी। 20 जुलाई 2021 को तत्कालीन एसएसपी ने दोबारा जांच के निर्देश दिए। एक एसआईटी भी गठित कर दी। जांच अब पूरी हुई है।