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बंगाल हिंसा की जांच के लिए SIT और NIA को सौंपा जाए मामला, पूर्व अधिकारियों ने राष्ट्रपति कोविंद को सौंपा ज्ञापन

Deepa Sahu
24 May 2021 3:52 PM GMT
बंगाल हिंसा की जांच के लिए SIT और NIA को सौंपा जाए मामला, पूर्व अधिकारियों ने राष्ट्रपति कोविंद को सौंपा ज्ञापन
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पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा को लेकर पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों ने सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक ज्ञापन दिया है.

पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा को लेकर पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों ने सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक ज्ञापन दिया है. इस ज्ञापन में हिंसा की जांच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जजों की निगरानी में एसआईटी बनाने की मांग की गई है. साथ ही साथ कहा गया है कि संवेदनशील सीमावर्ती राज्य होने के चलते "देश की संस्कृति और अखंडता पर राष्ट्र विरोधी हमले" की जांच-पड़ताल के लिए मामले को एनआईए को सौंप दिया जाना चाहिए.

राष्ट्रपति को सौंपे गए ज्ञापन में 17 पूर्व जजों, 63 पूर्व सिविल सर्वेंट, 10 पूर्व राजदूतों और सशस्त्र बलों के 56 पूर्व अधिकारियों ने हस्ताक्ष किए हैं. कहा गया है किभारत के संविधान के तहत शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक प्रक्रिया के माध्यम से सत्ता बनाए रखने या सत्ता परिवर्तन में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है. राज्य में विधानसभा चुनाव के नतीजे 2 मई को घोषित किए गए और तृणमूल कांग्रेस दोबारा सत्ता पर काबिज हुई है.
'लॉ एंड ऑर्डर राज्य का विषय'
पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि यह स्पष्ट है कि राजनीतिक हिंसा से होने वाली नागरिक मौतें राज्य के कानून व व्यवस्था प्रवर्तन तंत्र की गंभीर चूक के परिणाम के रूप में समझा जाना चाहिए. राजनीतिक हिंसा लोकतांत्रिक मूल्यों का अभिशाप है. लॉ एंड ऑर्डर राज्य का विषय है. उन्होंने राष्ट्रपति के हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा को भारतीय लोकतांत्रिक मूल्यों की जड़ों पर प्रहार करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
ज्ञापन में राष्ट्रपति से अनुरोध किया गया है कि दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए. सबसे पहले उन सरकारी कर्मचारियों की पहचान की जानी चाहिए जो कोई भी कार्रवाई करने में विफल रहे. इसके बाद राजनीतिक रूप से उकसाने वालों की पहचान की जानी चाहिए. साथ ही साथ हिंसा के मद्देनजर सभी अपराधों के संबंध में मामले दर्ज किए जाने चाहिए और अंत में वास्तविक अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए उनके खिलाफ प्रभावी ढंग से कार्रवाई की जानी चाहिए.
महिला वकीलों ने CJI को लिखा पत्र
इसके अलावा देश की 2000 से ज्यादा महिला वकीलों ने प्रधान न्यायाधीश एनवी रमणा को पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा का संज्ञान लेने और मामलों की जांच और प्राथमिकियां दर्ज करने के लिए एक विशेष जांच टीम बनाने का अनुरोध किया है. पत्र पर 2093 महिला वकीलों के दस्तखत हैं और इनमें कई वकीलें पश्चिम बंगाल की भी हैं. पत्र में दावा किया गया है कि राज्य में दो मई के बाद से शुरू हुई हिंसा में महिलाओं और बच्चों को भी नहीं बख्शा गया. महिला वकीलों ने कहा है कि राज्य में दो मई से हिंसा के कारण 'संवैधानिक संकट' की स्थिति है और इस वजह से राज्य में नागरिकों की हालत खराब है.
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