सीबीआई (CBI) ने तमिलनाडु मधुरई के पासपोर्ट ऑफिस के सीनियर सुप्रिटेंडेंट वीरपुत्रैन और एक शख्स रमेश ट्रेवल एजेंट के कई ठिकानों पर छापेमारी की है. ये छापेमारी उनके घर और दफ्तरों को मिलाकर 4 जगहों पर की गई है. इसके अलावा कुछ और जगहों पर भी छापेमारी हुई है. सीबीआई की मधुरई एसीबी में शिकायत दी गई थी कि पासपोर्ट ऑफिस का सीनियर सुप्रिटेंडेंट वीरपुत्रैन कुछ ट्रेवल एजेंट्स के साथ मिलकर श्रीलंका जैसे देशों के लोगों को रिश्वत लेकर भारतीय पासपोर्ट दिलवाता है.इसके बाद सीबीआई ने 7 जुलाई को आइपीसी की धारा120 बी साजिश और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 7 और 8 के तहत एफआईआर की थी. लेकिन अभी इनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है क्योकि ये रंगे हाथों नहीं पकड़े गए बल्कि ट्रेवल एजेंट ने सीनियर सुप्रिटेंडेंट के बैंक में पहले पैसे भेजे थे. ये पैसे जून 2019 से सितंबर 2019 के बीच भेजे गए थे.
बड़ी बात ये है श्रीलंका के नागरिकों को चंद रुपयों के लालच में भारतीय पासपोर्ट देने के आरोप लगे हैं जो देश के साथ साजिश है और ये देशद्रोह में आता है. ऐसे माना जा रहा है कि इनकी गिरफ्तारी के साथ बड़े खुलासे हो सकते हो हैं.
वहीं दूसरी ओर गोमती रिवर फ्रंट घोटाले (Gomti River Front Scam) में सीबीआई लगातार एक्शन मोड में है. एफआईआर में शामिल 189 लोगों से जुड़े ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी (CBI Raid) की थी. जांच एजेंसी ने 48 जगहों पर छानबीन की. इस दौरान सीबीआ को अवैध संपत्ति से जुड़े कई अहम डॉक्युमेंट्स मिले. वहीं लेपटॉप और कंम्यूटर से डिजिटल डाटा भी मिला है. छापेमारी के दौरान इन ठिकानों से नकदी भी बरामद की गई. CBI की टीम ने मेरठ के एक सीनियर आईएएस ऑफिसर के एक रिश्तेदार के घर पर भी छापेमारी की. IAS की रिश्तेदार ने भी गोमती रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट में कंस्ट्रक्शन कंपनी (Construction Company) के साथ काम किया था. CBI ने इस कंस्ट्रक्शन कंपनी के मेरठ हेड ऑफिस में भी छामेमारी की. इस दौरान जांच एजेंसी को कई अहम सुराग (CBI Get Evidence) मिले. इसके आधार पर कई और IAS अफसरों के रिश्तेदार भी अब जांच एजेंसी के रडार पर हैं.