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5 लोगों की खुदकुशी का मामला, सूदखोर का नाम आया सामने

Nilmani Pal
7 Jun 2022 4:56 AM GMT
5 लोगों की खुदकुशी का मामला, सूदखोर का नाम आया सामने
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बिहार। कर्ज के चक्रव्यूह में एक परिवार ऐसा फंसा कि कड़ी मेहनत के बाद भी कर्ज की अदायगी नहीं कर पाया और इसी वजह से परिवार के 5 सदस्यों ने फंदे से लटकर जान दे दी. बिहार में समस्तीपुर जिले के विद्यापतिनगर से एक ऐसी ही दर्दनाक घटना सामने आई है. शुरुआती तौर पर ऐसा माना जा रहा है कि इस परिवार ने महाजनों की धमकी और तगादे से तंग आकर एक साथ फांसी के फंदे से लटकर जान दे दी. पुलिस जांच में पता चला है कि मनोज झा ने 5 साल पहले गांव के एक साहूकार मन्नू झा से अपनी बड़ी बेटी काजल की शादी के लिए 3 लाख रुपए कर्ज लिया था. इसी क्रम में धीरे-धीरे यह परिवार कर्ज के चक्रव्यूह में फंसता चला गया, और फिर अनिल सिंह से एक लाख, बच्चा सिंह से 2 लाख रुपए कर्ज लेने के अलावा कुछ समूह से 2 लाख रुपए का लोन लिया था.

एक महाजन पांच साल बाद 3 लाख रुपए कर्ज के बदले सूद समेत 18 लाख रुपया मांग रहा था. इससे परेशान मनोज झा ने एक गाड़ी फाइनेंस पर लेकर चलाना शुरू कर दी. ताकि उससे कमा कर कर्ज को चुकाया जा सके. लेकिन किस्मत कुछ और ही मंजूर था. लॉक डाउन के दौरान गाड़ी से आमदनी नहीं आने के बाद फाइनेंसर ने गाड़ी को खिंचवा लिया था. उसके बाद मनोज ने एक छोटी-सी खैनी की दुकान को खोल ली, उसी से किसी तरह परिवार का गुजारा हो रहा था.

कुछ दिन पहले सदूखोर महाजन ने तगादा के दौरान कर्ज लेने वाले मनोज झा के साथ अभद्रता की और कर्ज नहीं चुकाने के बदले बेटी को उठा लेने की धमकी दी थी. इस डर से मृतक मनोज ने अपनी कम उम्र की बेटी को 3 महीने पहले किसी तरह मंदिर से शादी करके विदा कर दिया था. लेकिन कर्ज देने वालों का दवाब बढ़ता ही जा रहा था.

घटना वाली रात भी साहूकारों ने कर्ज नहीं चुकाने को लेकर ऋणी मनोज झा को काफी बेइज़्ज़त किया था. आखिरकार कर्ज के इस चक्रव्यूह में फंसे परिवार के 5 सदस्यों के अहले सुबह घर के एक कमरे में फंदे से लटकते हुए शव मिले. विद्यापतिनगर थाने की पुलिस ने मऊ धनेशपुर दक्षिण गांव के वार्ड संख्या 4 से मनोज झा (42), उनकी पत्नी सुंदर मणि देवी (38), मां सीता देवी (65), पुत्र सत्यम (10) और शिवम (7) के शव को फॉरेंसिक जांच के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था.

जिले के विद्यापतिनगर के मऊ धनेशपुर दक्षिण गांव की हृदय विदारक घटना ने सबको सोंचने पर मजबूर कर दिया है. एक ओर जहां लोग इसे आर्थिक तंगी से आकर आत्महत्या कर लेने की बात कर रहे हैं, वहीं मृतक की दोनों बेटियों ने साहूकारों के दवाब देने के बाद हत्या कर देने का आरोप लगा रही हैं. इस आरोप के बाद समस्तीपुर की पुलिस भी इसे अब आत्महत्या और हत्या के एंगल से जांच कर रही है. पुलिस ने एफएसएल की टीम को बुलाकर बारीकी से एक-एक बिंदु पर ध्यान देते हुए सबूत को इकट्ठा करवाया है. घर के एक कमरे में लटकती लाश की फोटोग्राफी भी कराई गई है. बहरहाल, इस आत्महत्या हत्या पर राजनीति भी शुरू हो गई है. बड़े-बड़े राजनेताओं का पीड़ित परिवार के घर आना जाना लगा है. अब सवाल उठता है कि क्या एक ही परिवार के पांच लोगों ने जान साहूकारों के प्रताड़ना से तंग आकर जान दे दी या किसी ने हत्या कर दी? ये तो पुलिसिया जांच के बाद ही पता चल पाएगा.


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