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बदायूं में पोस्टमार्टम के दौरान महिला के शव से आंखें निकालने के मामले,डॉक्टरों ने कहा चूहे खा गए
बदायूं में पोस्टमार्टम के दौरान महिला के शव से आंखें निकालने के मामले की जांच के लिए डीएम मनोज कुमार ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है। कमेटी का अध्यक्ष एडीएम (प्रशासन) विजय कुमार सिंह को बनाया गया है, जबकि सीएमओ डॉ. प्रदीप कुमार वाष्र्णेय और सीओ सिटी आलोक मिश्रा को बतौर सदस्य नामित किया गया है। डीएम ने कमेटी को जल्द से जल्द जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। यह मामला सोमवार देर शाम सामने आया था। ग्राम कुतरई निवासी गंगाचरण और उनके परिवार वाले सोमवार रात करीब आठ बजे डीएम आवास पहुंचे थे। उन्होंने विवाहित बेटी पूजा के शव का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों और कर्मचारियों पर आंखें निकाल लेने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग को लेकर हंगामा किया था।
डीएम मनोज कुमार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए न सिर्फ महिला के शव का दोबारा तीन डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया बल्कि जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी भी गठित कर दी। कमेटी ने जांच भी शुरू कर दी है। महिला की दोनों पोस्टमार्टम रिपोर्ट तलब की गई हैं। पहली पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आंखों का कोई जिक्र नहीं
मामला चूंकि दहेज हत्या के आरोप का था, इसलिए पहली बार भी पूजा के शव का दो डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया गया था। पहला पोस्टमार्टम कादरचौक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात डॉ. मोहम्मद उवैस और टीबी अस्पताल के डॉ. मोहम्मद आरिफ हुसैन ने किया था।
पहली पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आंखों का कोई जिक्र नहीं है। आंखें निकाल लेने का आरोप लगने के बाद दूसरा पोस्टमार्टम डॉ. रियाज हुसैन, डॉ. जीके गुप्ता और डॉ. पीयूष मोहन अग्रवाल के पैनल ने किया। इसकी रिपोर्ट में आंखें न होने की पुष्टि की गई है।डीएम मनोज कुमार ने बताया कि आंखें निकालने के मामले में महिला का दोबारा तीन डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया गया है। मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। जल्द से जल्द जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
दोबारा पोस्टमार्टम में भी खुलासा नहीं, कैसे निकली आंखें
दोबारा पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर भी अभी यह नहीं बता पाए हैं कि आंखें कैसे निकली या निकाली गई। यही कारण है कि आरोपी डॉक्टर चूहों की बात दोहरा रहे हैं। महिला का शव रात करीब आठ बजे मोर्चरी में रखवाया गया था। सोमवार दोपहर पोस्टमार्टम होने के 15 घंटे बीत चुके थे। ऐसे में डीप फ्रीजर के खराब होने की बात की जाए तो छह में से कई बंद जरूर पड़े हैं, मगर उनमें कहीं ऐसी जगह नहीं है कि चूहे घुस जाएं।
दरअसल, ग्राम रसूला निवासी महिला पूजा का शव पोस्टमार्टम हाउस की मोर्चरी में करीब 15 घंटे रख रहा था। पुलिस के पंचायतनामा के अनुसार महिला की मौत रविवार दोपहर करीब 12:00 हुई थी लेकिन पुलिस को इसकी सूचना शाम के समय मिली थी जिस पर पुलिस मौके पर पहुंची और उसका शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
महिला का शव रात करीब 8:00 बजे मोर्चरी में रखवाया गया था। सोमवार दोपहर उसका पोस्टमार्टम हुआ था। बताया जा रहा है कि तब तक 15 घंटे बीत चुके थे। पोस्टमार्टम हाउस के फ्रीजरों पर पहले भी सवाल उठ चुके हैं। बताया जा रहा है कि पोस्टमार्टम हाउस में छह फ्रीजर लगे हैं। दो-तीन फ्रीजर लगभग खराब ही रहते हैं। पोस्टमार्टम हाउस पर चूहों की संख्या भी अच्छी खासी है। वैसे तो फ्रीजर में उनके घुसने की कोई जगह नहीं है लेकिन अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि शायद कहीं फ्रीजर खुला रह गया था, जिससे चूहे उसमें घुस गए और उन्होंने महिला की आंखें निकाल कर खा ली।
अब तक पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने चूहों द्वारा ही आंखें निकालने की बात कही है लेकिन इस मामले की जांच भी चल रही है। दोबारा पोस्टमार्टम कराया गया है। लेकिन अभी दोबारा पोस्टमार्टम करने वालों ने अभी पुलिस को यह नहीं बताया कि आंखें कैसे गायब हुई है। प्रशासनिक जांच में क्या सच्चाई निकाल कर सामने आती है। टीम आज दोबारा पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों से जानकारी करेगी। किसी भी अधिकारी ने यह स्पष्ट नहीं किया, आखिर लापरवाही किस स्तर से हुई है।
डॉक्टर बोले- शायद चूहे या नेवले खा गए आंखें
महिला की आंखें निकालने के मामले में पहला पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने पुलिस को बताया कि शायद महिला की आंखें चूहे या नेवले खा गए। उन्होंने पोस्टमार्टम के दौरान महिला के शव के फोटो भी लिए थे। इसमें उनकी कोई लापरवाही नहीं है। महिला को मरे हुए कई घंटे बीत चुके थे। पुलिस के पंचायतनामा के अनुसार, रविवार दोपहर महिला का शव सील किया गया था। जब उनके सामने महिला के शव को फ्रीजर से निकालकर लाया गया, तब वह भी आंखें न देखकर हैरान रह गए थे। उन्होंने पोस्टमार्टम के दौरान ही फोटो लिए थे।