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पति और पत्नी की पोस्टिंग का मामला, हाईकोर्ट ने ट्रांसफर नीति में हस्तक्षेप से किया इनकार

Nilmani Pal
9 Dec 2023 1:18 AM GMT
पति और पत्नी की पोस्टिंग का मामला, हाईकोर्ट ने ट्रांसफर नीति में हस्तक्षेप से किया इनकार
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यूपी। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने शुक्रवार को पारित अपने एक महत्वपूर्ण निर्णय में स्पष्ट किया है कि पति-पत्नी दोनों के सरकारी नौकरी में होने की स्थिति में उनकी एक ही स्थान पर तैनाती पर विचार किया जा सकता है, लेकिन यह कोई अपरिहार्य अधिकार नहीं है। न्यायालय ने कहा कि पति-पत्नी की एक स्थान पर तैनाती तभी संभव है, जबकि इससे प्रशासकीय आवश्यकताओं को कोई हानि न पहुंच रही हो। इन टिप्पणियों के साथ न्यायालय ने बेसिक शिक्षा विभाग की ट्रांसफर नीति में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया है।

यह निर्णय न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की एकल पीठ ने सैकड़ों सहायक अध्यापकों की ओर से दाखिल कुल 36 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए पारित किया है। याचियों का कहना था कि उनके जीवन साथी राष्ट्रीयकृत बैंकों, एलआईसी, विद्युत वितरण निगमों, एनएचपीसी, भेल, इंटरमीडिएट कॉलेजों, पॉवर कॉर्पोरेशन व बाल विकास परियोजना इत्यादि पब्लिक सेक्टर्स में तैनात हैं।

हालांकि याचियों की तैनाती अपने जीवन साथियों से अलग जनपदों में है। कहा गया कि 2 जून 2023 को जारी शासनादेश के तहत जिन अध्यापकों के पति या पत्नी सरकारी सेवा में हैं, उनके अन्तर्जनपदीय तबादले के लिए दस प्वाइंट्स देने की व्यवस्था की गई है लेकिन 16 जून 2023 को पारित दूसरे शासनादेश में यह स्पष्ट किया गया कि सरकारी सेवा में उन्हीं कर्मचारियों को तैनात माना जाएगा जो संविधान के अनुच्छेद 309 के परंतुक के अधीन हैं। याचियों की ओर से इसे समानता के अधिकार का उल्लंघन बताते हुए चुनौती दी गई थी।

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