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मुरादाबाद में नाबालिग छात्रा को अगवा कर उससे दुष्कर्म करने के मुलजिम को अदालत ने दोषी करार दिया है। अदालत ने दोषी को बीस साल की कैद और 65 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। आरोपी पीड़ित किशोरी का रिश्ते का मामा बताया जा रहा है।
भगतपुर थाना क्षेत्र के गांव रहने वाले एक व्यक्ति ने 17 अक्तूबर 2018 को भगतपुर थाने में अपने ही गांव के तीन युवकों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। जिसमें आरोप लगाया था कि आरोपी युवक उसकी नौवीं कक्षा में पढ़ने वाली तेरह वर्षीय बेटी को कॉलेज आते-जाते परेशान करते थे। उसे शक है कि तीनों युवक ही उसकी बेटी को बहला-फुसला कर अगवा कर ले गए हैं। पुलिस ने तीनों युवकों को हिरासत में लेकर लड़की की तलाश शुरू की।
22 अक्तूबर को किशोरी अलीगढ़ से मिली थी। पुलिस की जांच-पड़ताल में सामने आया था कि छात्रा को उसके गांव के युवक नहीं ले गए थे। बल्कि किशोरी को उसका रिश्ते का मामा अपने साथ घुमाने का बहाना बना कर अलीगढ़ ले गया था, जहां उसने मंदिर में किशोरी से शादी की। इसके बाद आरोपी ने दुष्कर्म किया था।
केस के विवेचक दीपक मलिक ने विशाल चौधरी निवासी हुसैनपुर छिराबली थाना कुंदरकी के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। इस मुकदमे की सुनवाई पॉस्को कोर्ट संख्या तीन चंद विजय श्रीनेत्र की अदालत में सुनवाई हुई।
विशेष लोक अभियोजक अकरम खान और एमपी सिंह ने बताया कि मुकदमे में कुल नौ गवाह पेश किए गए। जिन्होंने घटना की पुष्टि की। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपी विशाल को घटना का दोषी पाते हुए उसे बीस साल के कठोर कारावास की सजा के साथ साथ उस पर 65 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
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