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धर्मांतरण का मामला पाया गया झूठा, एसएसपी तक पहुंची बात, कहा-उठाएंगे ये कदम

jantaserishta.com
3 Jan 2021 3:23 AM GMT
धर्मांतरण का मामला पाया गया झूठा, एसएसपी तक पहुंची बात, कहा-उठाएंगे ये कदम
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पुलिस ने जब गहनता से जांच की तो पता चला कि...

बरेली. बरेली (Bareilly) के फरीदपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत छात्रा का रास्ता रोककर छेड़छाड़ और धर्मांतरण (Religion Conversion) का दबाव बनाने का मामला पुलिस एक्सपंज करेगी. पुलिस की जांच में आरोपी की लोकेशन वारदात स्थल पर नहीं मिली है. इसके अलावा जांच में आया है कि आरोपी युवक छात्रा का प्रेमी है जो उसकी शादी के बाद उसके ससुराल में मिलने पहुंच गया. इसकी चर्चा ससुराल में होने से बदनामी हुई तो मामा ने तीन लोगों पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी.

बता दें कि छात्रा के मामा ने 31 दिसंबर 2020 को फरीदपुर थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई कि छात्रा बरेली के एक कालेज में पढ़ाई कर रही है. वह अपनी स्कूटी से आती-जाती है. फरीदपुर के मोहल्ला लाइन पार नई बस्ती निवासी आए दिन छात्रा का रास्ता रोककर जबरन अपने प्यार का इजहार करता था. धर्म परिवर्तन कर शादी करने के लिए दबाव बनाता था.
पुलिस ने जब गहनता से जांच की तो पता चला कि छात्रा का युवक से प्रेम प्रसंग है. वह बिना किसी को बताए युवक के साथ 9 सितंबर को दिल्ली चली गई थी. वहां दोनों करीब 15 दिन तुगलकाबाद इलाके में रहे थे. छात्रा के परिजनों ने पुलिस ने शिकायत की तो छात्रा वापस अपने घर आ गई. इसके बाद परिजनों ने उसकी 11 दिसंबर 2020 को आंवला में शादी कर दी. शादी के कुछ दिनों बाद युवक उससे मिलने उसके ससुराल पहुंच गया.
एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि छेड़छाड़ और धर्मांतरण के मामले की जांच में तथ्य झूठे पाए गए हैं. आरोपी की लोकेशन भी नहीं मिली है. उन्होंने बताया कि केस को एक्सपंज किया जाएगा.
ये है नया कानून
कानून के मुताबिक, अगर कोई भी व्यक्ति गलत तरीके से, बल प्रयोग या अनुचित प्रभाव, प्रलोभन, धोखाधड़ी या जबर्दस्ती से सीधे या अन्य किसी तरीके से किसी व्यक्ति का धर्म परिवर्तन करेगा या करने का प्रयास करेगा तो वो संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आएगा. इसके अलावा, धर्मपरिवर्तन के उद्देश्य से किया गया विवाह भी मान्य नहीं होगा और ऐसे विवाह को चुनौती दी जा सकेगी. ऐसे मामले फैमिली कोर्ट में सुने जाते हैं. इस कानून में सामान्य श्रेणी के व्यक्ति का धर्मपरिवर्तन करते हुए पकड़ा जाता है, तो पांच साल तक की सजा का प्रावधान है. इसी तरह नाबालिग, महिला या एससी-एसटी से संबंधित लोगों का जबरन धर्मपरिवर्तन करते हुए पकड़े जाने पर अधिकतम सजा 7 साल होगी.
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