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बिल्डर पर मुकदमा दर्ज, लोन हड़पने का आरोप

Nilmani Pal
13 April 2022 1:51 AM GMT
बिल्डर पर मुकदमा दर्ज, लोन हड़पने का आरोप
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पुलिस ने शुरू की जांच

यूपी। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नजूल की संपत्ति पर कब्जाकर 6 मंजिला अपार्टमेंट बनाने वाले यज़दान बिल्डर पर मुकदमा दर्ज हुआ है. बिल्डर कंपनी को लोन देने वाले बैंक ने बिल्डर कंपनी के मालिक समेत 17 लोगों पर शहर के विभूति खंड थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. बीते 30 मार्च को लखनऊ के हजरतगंज इलाके के जॉपलिंग रोड पर नजूल की जमीन पर कब्जा कर छह मंजिला अपार्टमेंट खड़ा करने वाले यज़दान बिल्डर पर एलडीए ने बुलडोजर चलाया तो हड़कंप मच गया था. बीच शहर में नजूल की संपत्ति पर अपार्टमेंट खड़ा करने वाली बिल्डर कंपनी को लोन देने वाले बैंक ने अब इस मामले में फर्जीवाड़े की एफआईआर दर्ज करवाई है.

लखनऊ के विभूति खंड थाने में आईआईएफएल होम फाइनेंस लिमिटेड कंपनी ने यज़दान बिल्डर के मालिक फहद यजदानी, सैइम यजदानी, शराफत अली और मो ज़ैद अलीम समेत कुल 17 लोगों पर फर्जी दस्तावेजों से फ्लैट पर लोन हड़पने की एफआईआर दर्ज करवाई गई है. लोन देने वाले गैर सरकारी फाइनेंस कंपनी में चार मालिकान के साथ 13 उन फ्लैट खरीदारों पर भी एफआईआर दर्ज करवाई है जिनको IIFL ने लोन दिया था. एफआईआर में आरोप लगाया गया कि खरीददार बनकर आए 13 लोगों ने कंपनी से फ्लैट खरीदने के नाम पर लोन लिया था, जबकि सभी खरीददार और बिल्डर कंपनी के मालिक से मिले हुए थे. फर्जी दस्तावेज लगाकर लोन ले गए जबकि असलियत में खरीदारों ने ना तो कोई फ्लैट खरीदा और ना ही बिल्डर कंपनी ने किसी भी खरीदार को फ्लैट बेचे. इतना ही नहीं, जब खरीददारों के लोन की ईएमआई जमा नहीं हुई और फाइनेंस कंपनी ने संपर्क किया, तो यजदान बिल्डर ने ही कई बार खरीदारों की तरफ से मासिक किस्त जमा की.

खरीददार बनकर फाइनेंस कंपनी से लोन लेने वाले लोगों ने फर्जी एलॉटमेंट लेटर, एडवांस पेमेंट के फर्जी तैयार किए दस्तावेज भी फाइनेंस कंपनी को दिए थे ताकि लोन लिया जा सके. आईआईएफएल फाइनेंस कंपनी का आरोप है कि सभी खरीददार बिल्डर कंपनी के ही तैयार किए हुए लोग थे, जो फर्जी दस्तावेजों के सहारे कंपनी का लोन हड़प गए. कंपनी की तरफ से फाइनेंस ऑफिसर ने विभूति खंड थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है.

इस मामले में विभूति खंड के प्रभारी इंस्पेक्टर का कहना है कि कंपनी की तहरीर पर एफआईआर दर्ज की गई है. दस्तावेजों की जांच की जाएगी. बिल्डर कंपनी से भी दस्तावेज मांगे जाएंगे और जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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