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माता-पिता को कंधे पर उठाकर कांवड़ यात्रा पर निकला बेटा, लोग बोले - कलयुग का श्रवण कुमार

Nilmani Pal
19 July 2022 1:52 AM GMT
माता-पिता को कंधे पर उठाकर कांवड़ यात्रा पर निकला बेटा, लोग बोले - कलयुग का श्रवण कुमार
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उत्तराखंड। माता-पिता का दर्जा भगवान से पहले है। लेकिन आज के दौर में कई बच्चे माता-पिता को बोझ समझकर वृद्धा आश्रमों में छोड़ आते हैं। ऐसे बच्चों के लिए गाजियाबाद का विकास गहलोत नजीर है। कांवड़ मेले में श्रवण कुमार बनकर विकास अपने माता-पिता को गंगा स्नान करवाकर हरिद्वार से रवाना हो गया। विकास के कंधे पर बहंगिया (पालकी) में उसके माता-पिता को बैठा देखकर हर कोई हैरान है। विकास ने माता-पिता की आंखों पर पट्टी बांधी है, ताकि वह बेटे के कंधों का दर्द का अहसास उसके चेहरे पर न देख सकें।

हरिद्वार में कांवड़ यात्रा चरम पर पहुंचने लगी है। हर रोज कांवड़ियों की संख्या बढ़ रही है। कांवडिए गंगा स्नान कर भोलेनाथ के जलाभिषेक करने कांवड़ जल लेकर जा रहे हैं। लाखों कांवड़ियों के बीच गाजियाबाद करीमपुर का 24 वर्षीय विकास गहलोत सावन में माता-पिता को स्नान करवाने हरिद्वार लेकर पहुंचा। गंगा स्नान के बाद कांवड़ जल लेकर बहंगिया (पालकी) में माता-पिता को बैठाकर चल पड़ा। उसके कंधों पर पालकी बांस की जगह लोहे के मजबूत चादर की बनी है। एक तरफ मां तो दूसरी तरफ पिता को बैठाया है। पिता के साथ 20 लीटर गंगाजल का कैन भी है। श्रवण कुमार बनकर विकास माता-पिता को पैदल ही गाजियाबाद अपने गंतव्य तक लेकर जाएगा। बीच बीच में पालकी को सहारा देने के लिए उसके साथ अन्य दो साथी भी चल रहे हैं। विकास ने अपने माता-पिता की आंखों को भगवा रंग के कपड़े से बंद किया है। विकास का कहना है कि उसके लिए माता-पिता ही उसके भगवान हैं। पालकी से कंधों का दर्द उसके चेहरे पर माता-पिता देख न सकें। माता-पिता किसी तरह से भावुक न हो सकें। माता-पिता के भावुक होने पर वह यात्रा पूरी नहीं कर पाएगा।

वहीं, हरिद्वार से लेकर रुड़की और नारसन तक बाईपास, हाईवे व कांवड़ पटरी पूरी तरह से शिवमय हो गई है। सोमवार को तीनों मार्गों पर कांवड़ियों का सैलाब उमड़ने लगा। सुबह से ही पैरों में घुंघरू बांधकर कांधे पर कांवड़ रख कंठ से भोले के जयकारे लगाते हुए कांवड़िए रवाना होते रहे। दोपहर को गर्मी के चलते तीनों मार्गों पर कांवड़ियों की भीड़ कम नजर आई। शाम होते ही एक बार फिर कांवड़ियों का सैलाब उमड़ पड़ा। देखते ही देखते तीनों मार्ग कांवड़ियों के रंग में रंग गए। कांवड़िए भी अपने गंतव्यों की ओर से नाचते गाते बढ़ते रहे। शिवभक्तों को कोई परेशानी न हो इसके लिए पुलिस चप्पे-चप्पे पर तैनात रही। पुलिस पूरी व्यवस्था संभाले नजर आई।


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