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सावधान! इस फेक वेबसाइट से 27000 लोगों को ठगा गया, कहीं आप भी तो नहीं?

jantaserishta.com
5 Nov 2020 10:07 AM GMT
सावधान! इस फेक वेबसाइट से 27000 लोगों को ठगा गया, कहीं आप भी तो नहीं?
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बड़ी खबर.

दिल्ली पुलिस ने शातिर ठगों के एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है, जिसने महज एक महीने में ही 27 हजार से ज्यादा लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना लिया. आरोपियों ने मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वैलफेयर की फेक वेबसाइट बनाई. वेबसाइट का नाम स्वस्थ्यम जन कल्याण संस्थान रखा और वेबसाइट पर 13 हजार से ज्यादा सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन मांगे. पुलिस ने गैंग के मास्टरमाइंड रामधारी समेत 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

पुलिस के मुताबिक इस वेबसाइट (www.sajks.org) को कुछ इस तरह से बनाया गया था कि उसे देखकर कोई भी उसके जाली होने के बारे में सोच भी नहीं सकता था. जिस तरह से सरकारी नौकरी के फॉर्म निकलते हैं, ठीक उसी तरह से उस फेक वेबसाइट पर अलग-अलग ग्रेड के लिए अलग-अलग पे स्केल वाली नौकरियां दिखाई गई थीं.

वेबसाइट बन जाने के बाद गैंग के मास्टरमाइंड ने वेबसाइट का लिंक सरकारी नौकरी की तलाश में जुटे बेरोजगार युवकों को भेज दिया. पुलिस के मुताबिक करीब 15 लाख से ज्यादा युवकों को वेबसाइट का लिंक मैसेज के जरिये भेजा गया. वेबसाइट देखकर किसी को भी शक नहीं हुआ. और एक महीने के अंदर ही 27 हजार से ज्यादा युवकों ने 5 सौ रुपये देकर नौकरी के लिए रजिस्ट्रेशन कर लिया.

लेकिन कुछ दिन पहले एक युवक ने दिल्ली पुलिस के साइबर सेल में शिकायत देकर बताया कि उसके पास कुछ दिन पहले एक मैसेज आया था. जिसमें सरकारी नौकरी का लिंक था, सब कुछ सही लग रहा था. युवक ने पांच सौ रुपये रजिस्ट्रेशन के जमा करा दिए. लेकिन 2 हफ्ते बीत जाने पर भी जब युवक के पास कोई जवाब नहीं आया तो युवक ने मंत्रालय में चेक किया तो पता लगा कि इस तरह की न तो कोई वेबसाइट है और न ही ऐसी कोई वैकेंसी निकाली गई है.

इस शिकायत पर पुलिस ने शुरुआती जांच के बाद एफआईआर दर्ज कर ली. आरोपियो तक पंहुचने के लिए पुलिस ने वेबसाइट के फुटप्रिंट को फॉलो किया और साथ में मनी ट्रेल को. पुलिस को छानबीन में पता लगा कि पैसे एक पेमेंट गेटवे के जरिये एक बैंक एकाउंट में जा रहे हैं और हिसार के एक एटीएम से कैश निकाला जा रहा है, जिसके बाद पुलिस ने हिसार के एटीएम पर ट्रैप लगा दिया और कैश निकालते एक आरोपी को रंगे हाथों पकड़ लिया.

इसके बाद पुलिस गैंग के मास्टरमाइंड रामधारी समेत 3 अन्य आरोपियों तक पहुंच गई. पुलिस के मुताबिक रामधारी एक टेस्ट सेंटर चलाता है, जहां परीक्षा भी होती है, वहीं से उसने उन युवकों का डाटाबेस हासिल किया, जो नौकरी की तलाश में थे.




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