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कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अजीत डोभाल से की मुलाकात

Nilmani Pal
30 Sep 2021 6:03 AM GMT

दिल्ली। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज NSA अजीत डोवाल से भेंट की. अमरिंदर सिंह और अजित डोभाल की मुलाकात इसलिए भी अहम है, क्योंकि पूर्व सीएम द्वारा हाल ही में नवजोत सिंह सिद्धू के पाकिस्तान के साथ कनेक्शन पर सवाल खड़े किए गए थे. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा था कि नवजोत सिंह सिद्धू का पंजाब में बड़े पद पर होना ठीक नहीं है, क्योंकि उनकी इमरान खान और पाकिस्तानी सेना के प्रमुख कमर बाजवा से दोस्ती है. गौरतलब है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह लगातार नवजोत सिंह सिद्धू पर हमलावर रहे हैं. मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन ने साफ कहा था कि नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब के लिए ठीक नहीं है. जब नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ा, तब अमरिंदर सिंह ने अपनी बात को दोहराया और बॉर्डर स्टेट को लेकर चिंता व्यक्त की.

दरअसल कांग्रेस में मची कलह थमने का नाम नहीं ले रही। कैप्टन अमरिंदर सिंह की कुर्सी जाने और नवजोत सिंह सिद्धू का प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद पंजाब से लेकर दिल्ली तक की राजनीतिक तपिश बढ़ गई है। ऐसे में अब कैप्टन अमरिंदर नए सियासी ठिकाने की तलाश में हैं तो किसान आंदोलन के चलते अकाली दल से दोस्ती गवां चुकी बीजेपी को पंजाब में एक मजबूत चेहरे की दरकार है। इसी बीच कैप्टन अमरिंदर ने कल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. जिसके सियासी मायने निकाले जाने लगे हैं।

कांग्रेस हुई नाराज : इस मुलाकात पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि पंजाब में एक दलित को मुख्यमंत्री बनाने पर सत्ता में बैठे मठाधीशों के अहंकार को ठेस पहुंची है। गृहमंत्री अमित शाह पर सीधा हमला बोलते हुए कांग्रेस ने कहा कि दलित विरोधी राजनीति का केंद्र और कहीं नहीं, अमित शाह जी का निवास बना हुआ है। कांग्रेस नेता और प्रवक्ता सुरजेवाला ने अमित शाह और कैप्टन अमरिंदर सिंह की मुलाकात के बाद ट्वीट किया और लिखा, सत्ता में बैठे मठाधीशों के अहंकार को ठेस पहुंची है, क्योंकि एक दलित को मुख्यमंत्री बना दिया तो वो पूछते हैं कि कांग्रेस में फ़ैसले कौन ले रहा है? दलित को सर्वोच्च पद दिया जाना उन्हें रास नहीं आ रहा। दलित विरोधी राजनीति का केंद्र और कहीं नहीं, अमित शाह जी का निवास बना हुआ है। पंजाब विधानसभा चुनाव होने में महज पांच महीने का वक्त बाकी है। ऐसे में मुख्यमंत्री की कुर्सी जाने और चरणजीत सिंह चन्नी की ताजपोशी के बाद से कांग्रेस की सियासत में कैप्टन अमरिंदर सिंह को पूरी तरह दरकिनार हो गए हैं।

दूसरी ओर कांग्रेस की हलचल अब राजस्थान पहुंच रही है. राजस्थान का राजनीतिक तापमान फिर चढ़ सकता है. इस बार सीएम अशोक गहलोत के लिए दिक्कतें पैदा कर रहे हैं बहुजन समाज पार्टी से कांग्रेस में आए विधायक. बीएसपी से कांग्रेस में आए 4 एमएलए बगावत के मूड में हैं. लंबे इंतजार के बाद 4 विधायक दिल्ली पहुंचे हैं, तो दो विधायक देर रात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने पहुंचे हैं. इसी के साथ राज्य में राजनीतिक गतिविधियां रफ्तार पकड़ रही है. बता दें कि बीएसपी से 6 विधायकों को सीएम अशोक गहलोत ने कांग्रेस में काफी पहले ही शामिल कराया था. कहा जा रहा है कि इन विधायकों को तब मंत्रीपद का भरोसा दिया गया था. अब इन 6 में से 4 विधायक बागी होने लगे हैं.

अब राजस्थान में हलचल

इन विधायकों का धैर्य जवाब देने लगा है. उन्हें लग रहा था कि मंत्रिमंडल में कोई जगह मिल जाएगी या फिर कोई सियासी पद मिल जाएगा. मगर जिस तरह से राजस्थान में मंत्रिमंडल का लगातार देर होता जा रहा है. इसे लेकर माना जा रहा है कि बसपा से आए विधायकों में भारी नाराजगी है. इसकी वजह से 4 विधायक दिल्ली पहुंचे हैं. दिल्ली में इन विधायकों का क्या कार्यक्रम पर इस पर अभी अटकलें लगाई जा रही है.


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