इन लोगों पर भरोसा नहीं कर सकते, अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू और चन्नी पर कसा तंज
पंजाब। पंजाब (Punjab Assembly elections) पूरी तरह से चुनावी माहौल में ढल चुका है. राज्य की सत्तारुढ़ पार्टी कांग्रेस ने भी पार्टी के अंदर चले लंबे घमासान के बाद अपने मुख्यमंत्री पद के दावेदार के नाम का भी ऐलान कर दिया है. लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) ने इसे उसकी गलती करार दिया है. पंजाब लोक कांग्रेस (Punjab Lok Congress, PLC) के प्रमुख कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा करके एक बड़ी गलती कर दी है क्योंकि 'मुख्यमंत्री का फैसला क्षमता के आधार पर होना चाहिए न कि जाति के आधार पर, चाहे वह अनुसूचित जाति का हो, या फिर जाट या हिंदू, जो उन्होंने किया है.'
न्यूज वेबसाइट डक्कन हेराल्ड डॉट कॉम में छपी में खबर के अनुसार, यह बताते हुए कि पंजाब पहले कभी भी जाति या धार्मिक आधार पर विभाजित नहीं था, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, 'चरणजीत चन्नी में मुख्यमंत्री की क्षमता नहीं है,' और उनके लंबे दावे राज्य के लोगों को मूर्ख नहीं बना सकते. उन्होंने कहा, "चन्नी का दावा है कि उन्होंने 111 दिनों में सब कुछ कर दिया है, वह लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं. हर परियोजना की एक अवधि होती है और इसे शुरू होने में महीनों लगते हैं."
पटियाला ग्रामीण से पीएलसी उम्मीदवार, संजीव कुमार बिट्टू के समर्थन में एक जनसभा के बाद मीडिया के साथ बातचीत करते हुए, पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से जल्द ही एक बड़े धमाके की चेतावनी भी दी, क्योंकि उनकी ही पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवारी नहीं बनाया और चन्नी को उम्मीदवार के रूप में ऐलान कर दिया. पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष (पीपीसीसी) लंबे समय तक चुप नहीं रह सकते हैं. पीएलसी प्रमुख ने कहा कि चरणजीत सिंह चन्नी और सुखजिंदर रंधावा जैसे नेताओं ने उनकी पीठ में छुरा घोंपा है और उन्होंने उनके राजनीतिक करियर का समर्थन किया था लेकिन उन लोगों ने कांग्रेस आलाकमान को गुमराह किया. पीएलसी प्रमुख ने यह भी कहा कि इन लोगों पर भरोसा नहीं किया जा सकता है.
सवालों के जवाब में उन्होंने चेतावनी दी, "वे अपने हितों को आगे बढ़ाने के लिए पंजाब के हितों से समझौता करेंगे." उन्होंने याद दिलाया कि कैसे उन्होंने चन्नी को कांग्रेस में शामिल किया था और उन्हें विधायक बनाने में मदद की थी और पिछले चुनाव में रंधावा की सीट भी सुनिश्चित की थी.