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डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग को लेकर गोवा में कैंडल मार्च

Nilmani Pal
7 Jun 2023 12:53 AM GMT
डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग को लेकर गोवा में कैंडल मार्च
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गोवा। राजनेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और आंदोलनकारी पहलवानों का समर्थन करने वाले लोगों ने मंगलवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर मडगांव में मोमबत्ती जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। महिला पहलवानों ने बृजभूषण पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है, जिसमें एक नाबालिग भी शामिल है। 'पहलवानों के लिए न्याय' और 'बृजभूषण को गिरफ्तार करो' की तख्तियां लिए प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि केंद्र की भाजपा सरकार देश की बेटियों की रक्षा करने में विफल रही है।

आम आदमी पार्टी (आप) की नेता प्रतिमा कोटिन्हो ने कहा कि भाजपा सरकार पहलवान बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट सहित अन्य पहलवानों की दुर्दशा सुनने में विफल रही है, जो डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजधानी में महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। कौटिन्हो ने कहा, लोकतंत्र हमें अपनी आवाज उठाने और विरोध करने का अधिकार देता है। लेकिन यह सरकार खुले तौर पर आरोपी व्यक्ति का समर्थन कर रही है। देश का नाम रोशन करने वाले ये पहलवान न्याय के लिए रो रहे हैं, लेकिन उनकी गुहार को अनसुना किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि एक महिला होने के नाते केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी महिला पहलवानों को न्याय दिलाने में विफल रहीं।

आप विधायक वेंजी विगास ने कहा कि सरकार महिला पहलवानों को न्याय दिलाने में पूरी तरह विफल रही है। वेंजी ने पूछा, मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और उनके कैबिनेट सहयोगी इस मुद्दे पर क्यों नहीं बोल रहे हैं? कांग्रेस नेता और गोवा ओलंपिक संघ के पूर्व उपाध्यक्ष गिरीश चोडनकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहलवानों की गुहार सुनने और उन्हें न्याय दिलाने का आग्रह किया। चोडनकर ने कहा, ऐसे कई मामले हैं जिनमें छेड़छाड़ की शिकायत के बिना लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में शिकायत दर्ज की गई है और पहलवान पिछले कई दिनों से विरोध कर रहे हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह के और विरोध प्रदर्शन गोवा और अन्य जगहों पर होंगे, जो सरकार को डब्ल्यूएफआई प्रमुख को गिरफ्तार करने के लिए मजबूर करेंगे। उन्होंने कहा, जब हमारी बेटियों को न्याय नहीं दिया जा रहा है तो 'बेटी बचाओ' का नारा लगाने का कोई मतलब नहीं है।

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