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मेडिकल कॉलेज से कैंसर पीड़ित मरीज लापता, बेटे से पांच लाख रुपये की फिरौती, जाने क्या है पूरा माजरा

Nilmani Pal
19 Dec 2021 3:58 AM GMT
मेडिकल कॉलेज से कैंसर पीड़ित मरीज लापता, बेटे से पांच लाख रुपये की फिरौती, जाने क्या है पूरा माजरा
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आगरा में स्थित एसएन मेडिकल कॉलेज से एक कैंसर पीड़ित मरीज लापता हो गया। मरीज के बेटे से पांच लाख रुपये की फिरौती मांगी गई। पुलिस ने फिरौती मांगने वाले को पकड़ लिया लेकिन अपहृत मरीज का सुराग नहीं मिला है। पुलिस आरोपित को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेगी। पुलिस का कहना है कि अभी आरोपित गुमराह कर रहा है।

नगला खंगर, फिरोजाबाद निवासी अनुज कुमार ने 12 दिसंबर को एमएम गेट थाने में पिता वीरेंद्र कुमार की गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस को बताया कि करीब पांच दिन पहले पिता आगरा आए थे। वह कैंसर पीड़ित हैं। एसएन मेडिकल कॉलेज में सिकाई कराने आते थे। रात को रैन बसेरे में रुकते थे। 11 दिसंबर की रात उसकी आखिरी बार पिता से बातचीत हुई थी। उसके बाद उनका कोई फोन नहीं आया।
13 दिसंबर को अनुज कुमार ने पुलिस को बताया कि पिता के नंबर से एक फोन आया था। फोन करने वाले ने पांच लाख रुपये की फिरौती मांगी। पुलिस ने तहरीर के आधार पर अपहरण और फिरौती की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया। एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि सीओ कोतवाली अर्चना सिंह के नेतृत्व में टीम बनाई गई।
इंस्पेक्टर एमएम गेट अवधेश अवस्थी ने फिरौती मांगने वाले को पकड़ लिया। पूछताछ में आरोपित ने अपना नाम हरिओम बताया। वह मूलत: टूंडला का निवासी है। आरोपित ने बताया कि उसकी संगति अच्छी नहीं है। पिता की जगह उसकी नलकूप विभाग में नौकरी लगी थी। कई साल से वह अपने कार्यालय नहीं गया है। उस पर कर्जा हो गया था।
आरोपित के पास से अपहृत मरीज का मोबाइल मिला। पूछताछ में उसने यह स्वीकार किया कि फोन उसने ही किया था। आवाज भी उसकी थी। पुलिस को आखिर तक उसने यह नहीं बताया कि वीरेंद्र कुमार कहां गए। उनके साथ क्या किया। पुलिस मामले की तह तक पहुंचने के लिए आरोपित को रिमांड पर लेगी। अभी तक यह साफ नहीं हुआ है कि वीरेंद्र कुमार कहां गए। उनका मोबाइल आरोपित के पास कैसे आया।
पुलिस ने बताया कि आरोपित हरिओम लंबे समय से एसएन मेडिकल के कॉलेज के पास रैन बसेरे में रह रहा है। उसकी पहचान वीरेंद्र कुमार से रैन बसेरे में ही हुई थी। अभी कहानी उलझी हुई है। वीरेंद्र कहां गया। आरोपित ने पुलिस ने कई बार अपने बयान बदले। पहले यह कहने लगा कि मोबाइल मिल गया था। एक बार यह भी बोला कि वीरेंद्र योजना में शामिल है। पुलिस ने एक ही सवाल पूछा वीरेंद्र कहां है। वह यह नहीं बता पा रहा था।
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